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एस्ट्रोनॉट शुभांशु ने बच्चों संग साझा किए स्पेस अनुभव
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ के छात्रों को एक अनोखा अनुभव मिला, जब वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से सीधे भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला से जुड़ पाए। इस संवाद के दौरान बच्चों ने उत्साह से कई सवाल पूछे, जिनका शुभांशु ने बेहद दिलचस्प अंदाज में जवाब दिया।
खुद को बांधकर रखते हैं ताकि उड़ न जाएं
एक छात्र के सवाल के जवाब में कि "वहां आप कैसे रहते हैं?" एस्ट्रोनॉट शुभांशु ने मुस्कुराते हुए बताया कि ज़ीरो ग्रैविटी की वजह से वे अपने शरीर को विशेष पट्टियों की मदद से बांधकर रखते हैं, ताकि वे किसी दिशा में उड़ न जाएं।
योग-एक्सरसाइज से खुद को रखते हैं फिट
छात्रों ने यह जानने में भी रुचि दिखाई कि अंतरिक्ष में वे अपनी फिटनेस कैसे बनाए रखते हैं। शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष में फिट रहने के लिए वे रोज योग और एक्सरसाइज करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिक्ष मिशन पर जाने से पहले ही उन्होंने सालों तक इसकी तैयारी की थी।
पृथ्वी बेहद खूबसूरत दिखती है
बच्चों ने जब पूछा कि अंतरिक्ष से पृथ्वी कैसी दिखाई देती है, तो शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखना एक अद्भुत अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि जब भारत दिखाई देता है तो गर्व का अनुभव होता है। बच्चों ने यह भी जानना चाहा कि वहां वे क्या खाते-पीते हैं और अपना समय कैसे बिताते हैं।
इंटरैक्शन के दौरान हाथ में बॉल लेकर दिखाई दिए
इस दौरान शुभांशु हाथ में एक बॉल लिए हुए दिखाई दिए, जिससे वे छात्रों को ज़ीरो ग्रैविटी की स्थिति समझा रहे थे। उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब पूरी गर्मजोशी और सरल भाषा में दिए, जिससे बच्चे बहुत प्रभावित हुए।
ISRO के वैज्ञानिकों ने दी प्रेरणा
लाइव सेशन की शुरुआत से पहले ISRO की टीम ने छात्रों को स्पेस टेक्नोलॉजी और गगनयान मिशन से जुड़ी जानकारी दी। इस अवसर पर गगनयान मिशन के लिए चयनित एस्ट्रोनॉट अंगद प्रताप सिंह भी छात्रों के बीच मौजूद रहे, जिनसे छात्रों ने कई सवाल किए। यह आयोजन लखनऊ के CMS, LDA कॉलोनी कैंपस में गुरुवार को हुआ। सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ पहले ही जमा करा लिए गए थे। पहले छात्रों को बताया गया कि ISS से लाइव संवाद कैसे होगा।
चार जिलों के छात्र हुए शामिल
इस कार्यक्रम में लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर और हरदोई जिलों के कुल 34 स्कूलों के 150 छात्र माध्यमिक शिक्षा विभाग के माध्यम से शामिल हुए। इनमें लखनऊ से 75 और शेष जिलों से 25-25 छात्र शामिल थे। इसके अलावा CMS स्कूल ने अन्य निजी स्कूलों के बच्चों को भी आमंत्रित किया था।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का विशेष सहयोग
इस आयोजन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (भारत सरकार) के सहयोग से आयोजित किया गया था। ISRO की टीम ने अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्रों को इस संवाद के माध्यम से गहराई से जानकारी दी और उन्हें इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।