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शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। भारत ने राजनयिक कदम उठाते 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है। इस बीच शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पाकिस्तान का पानी रोकने के केन्द्र सरकार के दावे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सिंधु नदी का जल रोकने में भारत को 20 साल लगेंगे।
सिंधु नदी का पानी रोकने की नहीं व्यवस्था
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मोदी सरकार के पास सिंधु नदी का पानी रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने दावा किया कि सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान की ओर जाने से रोकने में भारत को कम से कम 20 साल लगेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कितना पैसा खर्च होगा, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। शंकराचार्य ने कहा कि यदि यह कहा जा रहा है कि सिंधु नदी का पानी रोका दिया, तो इसका मतलब है कि जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है।
तीन चरणों में लागू होगी योजना
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को सिंधु नदी के पानी के प्रवाह को रोकने का फैसला किया है। इसके तहत सिंधु बेसिन की नदियों पर बने बांधों की क्षमता को बढ़ाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक पानी भारत में ही रोका जा सके। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के मुताबिक, अब भारत से पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी नहीं जाने दिया जाएगा। इसके लिए सिंधु जल संधि के नियमों का पालन करते हुए नई योजना बनाई गई है। जिसे तीन चरणों तुरंत, मध्यम अवधि और लंबी अवधि में लागू किया जाएगा।