लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में राज्य सरकार एक नई पहल करने जा रही है। पर्यटन विभाग प्रदेश के 12 प्रमुख पर्यटन सर्किटों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की एनामॉर्फिक शॉर्ट फिल्मों का निर्माण कराएगा। इन फिल्मों के माध्यम से राज्य के पर्यटन स्थलों को विश्व के पर्यटकों के समक्ष एक नए और प्रभावशाली अंदाज में प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रत्येक फिल्म में होगा 6 सर्किट का समावेश
परियोजना के तहत कुल दो मिनट की शॉर्ट फिल्मों का निर्माण किया जाएगा। हर फिल्म में छह प्रमुख पर्यटन सर्किट को समाहित किया जाएगा। इन फिल्मों में उत्तर प्रदेश के धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व के स्थलों को दृश्य प्रभावों और रचनात्मक तकनीक के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। इस तरह कुल दो फिल्मों के माध्यम से सभी 12 पर्यटन सर्किटों को कवर किया जाएगा।
इन अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में होगी डबिंग
पर्यटन विभाग ने इन फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से उन्हें 10 विदेशी भाषाओं में डब कराने का निर्णय लिया है। इनमें फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन, इतालवी, रूसी, पुर्तगाली, अरबी, थाई, जापानी और कोरियाई भाषाएं शामिल हैं। इसका उद्देश्य यह है कि विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमियों वाले विदेशी पर्यटक उत्तर प्रदेश की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर से परिचित हो सकें।
120 दिनों में पूरा होगा निर्माण कार्य
सरकार की योजना के अनुसार इन फिल्मों का निर्माण एक चयनित पेशेवर एजेंसी के माध्यम से कराया जाएगा, जिसे कुल 120 दिनों के भीतर इस कार्य को पूरा करना होगा। फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता में तैयार किया जाएगा, ताकि डिजिटल, टेलीविजन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इनका प्रभावी प्रसारण किया जा सके।
ये हैं शामिल प्रमुख पर्यटन सर्किट
इस परियोजना में जिन पर्यटन क्षेत्रों को फिल्म में दर्शाया जाएगा, उनमें रामायण सर्किट, कृष्ण-ब्रज सर्किट, महाभारत सर्किट, बौद्ध सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी-कबीर सर्किट, जैन सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, वन्यजीव व ईको-टूरिज्म सर्किट, हस्तशिल्प सर्किट और स्वतंत्रता संग्राम सर्किट शामिल हैं। पर्यटन विभाग का मानना है कि इस परियोजना से न केवल उत्तर प्रदेश की ब्रांडिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी, बल्कि इससे प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यवसाय के अवसर भी उत्पन्न होंगे।