Advertisment

ऊर्जा विभाग में बड़ा खेल : 2221 करोड़ का बकाया दबाए बैठी कंपनी का अभियंता बना निदेशक

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आशंका जताई कि संबंधित निदेशक अपनी पूर्व कंपनी के पक्ष में काम करेगा और अपनी पत्रावलियों को वहां पहुंचकर टेम्परिंग या उसमें हेराफेरी कर देगा।

author-image
Deepak Yadav
upbhogta parishad webinar

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के वेबिनार में जुड़े बिजली उपभोक्ता Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

Advertisment

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा विभाग में बड़ा खेल हुआ है। उपभोक्ताओं के करोड़ों रुपए दबाए बैठी कंपनी के अधिकारी को ही निदेशक बना दिया गया है। ऐसे में पॉवर कॉरपोरेशन को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उपभोक्ता परिषद की ओर से शनिवार को आयोजित वेबिनार में इसका खुलासा हुआ। प्रदेश भर से जुड़े उपभोक्ताओं ने बताया कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में टोरेंट कंपनी पर 2221 करोड़ रुपये पावर कारपोरेशन का बकाया है। उसी कंपनी के अभियंता को दक्षिणांचल का निदेशक (वित्त) बनाया गया है। उपभोक्ताओं ने बिजली निगमों पर बकाया चल रहे 33122 करोड़ रुपये लौटाने की मांग की है। 

टोरेंट पावर के अधिकारी को बनाया निदेशक 

शासन ने कमेटी की रिपोर्ट पर टोरेंट पावर कंपनी को आदेश दिया गया था कि वह पुराना बकाया करीब 2221 करोड़ रुपये वसूल कर पावर कारपोरेशन को लौटाए। इसके लिए तीन साल का समय तय किया गया था, लेकिन अभी तक यह राशि पावर कारपोरेशन को नहीं मिली है। इस बीच पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने टोरेंट पावर के अभियंता को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निदेशक (वित्त) बना दिया है।   

Advertisment

मुख्यमंत्री तक पहुंचेगा मामला

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आशंका जताई कि संबंधित निदेशक अपनी पूर्व कंपनी के पक्ष में काम करेगा और अपनी पत्रावलियों को वहां पहुंचकर टेम्परिंग या उसमें हेराफेरी कर देगा। इसके परिणामस्वरूप ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा घोटाला होने की संभावना है। परिषद अध्यक्ष ने सभी उपभोक्ताओं का पक्ष सुनने के बाद कहा कि जो भी सवाल उठाए गए हैं, उसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा।

Advertisment
Advertisment