लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। हजरतगंज के 100 साल पूरे होने पर सुंदरीकरण हुआ था। करोड़ों खर्च कर कॉमन बिल्डिंग कोड के तहत एक रंग में इमारतों का रंग रोगन व फुटपाथ बनाए गए थे। वर्तमान में लखनऊ का दिल कहे जाने वाले हजरतगंज का हाल बदल चुका है। फुटपाथ पर अतिक्रमण की समस्या आम है। फुटपाथ पर दुकानों, ठेले और अन्य सामानों के कारण पैदल चलने वालों के लिए जगह कम हो जाती है, जिससे उन्हें आवागमन में परेशानी होती है। कई जगहों पर तो फुटपाथ पर खड़े वाहन भी देखने को मिलते हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फुटपाथ से कब्जे हटाने की उम्मीद जगी है।
हवाहवाई साबित हो गए कमिश्नर के आदेश
सड़क किनारे बनाए गए फुटपाथ पर पक्के और अर्द्ध पक्के निर्माण हो गए। लखनऊ विकास प्राधिकरण और नगर निगम की इस लापरवाही पर किसी की नजर नहीं गई है। कमिश्नर रोशन जैकब ने पूर्व नगर आयुक्त को पत्र लिखकर फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने और मार्ग अवरुद्ध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। आदेश हवाहवाई साबित हो गया। एक समय नो पार्किंग और फुटपाथ पर गाड़ी खड़ी करना मुश्किल था, मगर अब सब मुमकिन है।
अवैध तरीके से खड़ी रहती है गाड़ियां
हलवासिया तिराहा स्थित रिलायंस डिजिटल स्टोर के बाहर पूरे दिन अवैध तरीके से गाड़ियां खड़ी रहती हैं। कुछ यही स्थिति साहू बिल्डिंग, मेट्रो स्टेशन और मेफयर के पास भी रहती है। प्रधान डाक घर से लेकर साहू सिनेमा, मालती लेवल पार्किंग तक सड़क की दोनों पटरी के फुटपाथ पर गाड़ियां खड़ी होने से लोगों का पैदल चलना तक दुश्वार हो गया है। पटरी दुकानदारों के अवैध कब्जों और अतिक्रमण से भी गंजिंग का मजा किरकिरा हो रहा है। वहीं, पान मसाला खाकर थूकने वालों ने पूरी बाजार को गंदा कर दिया है। कई जगह खुले पड़े मैनहोल भी हादसे को न्यौता दे रहे हैं
हजरतगंज में कुछ फुटपाथ पर खुल गईं दुकानें
हजरतगंज में कुछ फुटपाथ गायब हो गए हैं और कुछ जगहें टूटी हुई हैं। इसके अलावा, फुटपाथ पर अतिक्रमण भी एक समस्या है, जहाँ दोपहिया वाहनों को पार्क किया जाता है और लोग अपना सामान बेचते हैं। फुटपाथ पर दोपहिया वाहनों की पार्किंग और विक्रेताओं की ओर से सामान बेचने के कारण, फुटपाथ का उपयोग नहीं किया जा सकता है। कुछ स्थानों पर फुटपाथ की टाइलें गायब हैं, जिससे जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं।
बुजुर्गों और विकलांगों के लिए परेशानी
फुटपाथ की खराब स्थिति बुजुर्गों और विकलांगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। अतिक्रमण के कारण फुटपाथ पर चलना मुश्किल हो जाता है, जिससे यातायात की समस्या बढ़ जाती है। नगर निगम प्रशासन को फुटपाथ पर अतिक्रमण को हटाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए जो कि नहीं होता है। टूटे हुए फुटपाथ की मरम्मत करनी चाहिए और गायब टाइलों को फिर से लगाना चाहिए। फुटपाथ का नियमित रखरखाव करना चाहिए ताकि वे अच्छी स्थिति में रहें। फुटपाथ पर पैदल चलने वालों को प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे उन्हें सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल मिल सके।
डीएम कार्यालय के पास फुटपाथ पर पार्किंग
स्मार्ट सिटी की ओर से वर्ष 2020-21 में राजा नवाब अली रोड पर जिलाधिकारी कार्यालय, राजस्व परिषद एवं सिविल कोर्ट के पास सड़कों किनारे फुटपाथ एवं नाली का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था। ये काम पूरा हो चुका है। अब पैदल यात्रियों के लिए बनाए गए फुटपाथ पर कई स्थानों पर पक्के और अर्द्ध पक्के निर्माण कर लिए गए हैं। इससे पैदल मार्ग अवरुद्ध हो गया है। फुटपाथ के नीचे सड़कों पर दो पंक्तियों में पार्किंग की जाती है। वकीलों ने चैंबर बना लिए हैं। इस कारण जाम लगा रहता है।
स्टील की रेलिंग लगाने के फैसले पर नहीं हुआ अमल
मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने नगर आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि समस्या के विकराल रूप लेने से पहले अतिक्रमण हटा दिया जाए। अतिक्रमण हटने से पैदल यात्रियों को सुविधा मिलेगी और यातायात भी बाधित नहीं होगा। कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी से प्रशासनिक और पुलिस सहयोग लिया जाए। नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में फुटपाथ और सड़कों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने और अतिक्रमण रोकने के लिए स्टील की रेलिंग लगाई जाने का फैसला हुआ था। सीएम कार्यालय से भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, लेकिन स्टील की रेलिंग लगाने की कार्रवाई तक अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। इसे पीछे नगर निगम के अधिकारियों की मंशा नेक नहीं नजर आ रही है।
नगर निगम मुख्यालय के पास फुटपाथ पर बाजार
नगर निगम मुख्यालय लालबाग से चंद कदम की दूरी पर ही पूरी तरह से अवैध अतिक्रमण दिखता है। यहां पर कार बाजार संचालन करने वाले व्यापारियों की मनमानी के आगे नगर निगम के अधिकारी मेहरबान हैं। नगर निगम कार्यालय के आसपास अतिक्रमण के खिलाफ डंडा नहीं चल पा रहा है। यहां दुकानों के सामने और चौराहे के 50 मीटर के दायरे तक स्टील की रेलिंग लगाने के दिशा निर्देश जारी हुए थे, लेकिन यह सब दावे बैठकबाजी तक सीमित है।