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मरीजों को बड़ी राहत : लोहिया संस्थान को जल्द मिलेंगे 338 डॉक्टर, नए विभाग होंगे शुरू

Health News : लोहिया संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह के मुताबिक, कई विभागों में प्रोफेसर पदों पर नियुक्ति होनी है। लेकिन इसमें आवेदकों की संख्या सीमित है। वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों के लिए आवेदकों की संख्या ज्यादा है।

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Deepak Yadav
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान

लोहिया संस्थान को जल्द मिलेंगे 338 चिकित्सक Photograph: (Social Media)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (DrRMLIMS) में डॉक्टरों की कमी जल्द पूरी होगी। संस्थान में नौ साल बाद बड़ी संख्या में नियमित डॉक्टरों की भर्ती होने जा रही है। इस साल जनवरी में 320 चिकित्सकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसके लिए तहत देशभर के विभिन्न शहरों से 880 डॉक्टरों ने आवेदन किए हैं। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत साक्षात्कार 19 मई से शुरू होंगे और 31 मई तक परिणाम घोषित करने की तैयारी है। इसके अलावा बैकलॉग के जरिए 18 पदों के लिए 6, 7 और 8 मई को साक्षात्कार होंगे। 

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इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा दिल्ली-मुंबई

लोहिया संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह के मुताबिक, कई विभागों में प्रोफेसर पदों पर नियुक्ति होनी है। लेकिन इसमें आवेदकों की संख्या सीमित है। वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों के लिए आवेदकों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने बताया कि सभी पदों के लिए पात्रता की स्क्रीनिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। प्रो. सिंह ने बताया कि सरकार की कोशिश है कि प्रदेश के मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली और मुंबई न भटकना पड़े। इस दिशा में हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

केवल इलाज नहीं, पढ़ाई भी

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प्रो. सीएम सिंह के अनुसार, डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया पूरी होते ही संस्थान में कई नए चिकित्सा विभागों की शुरुआत की जाएगी। इनमें प्लास्टिक सर्जरी, जेनेटिक्स, लिवर ट्रांसप्लांट, इम्यूनोलॉजी, स्पोर्ट्स इंजरी, बर्न सर्जरी और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग का संचालन होगा। फिलहाल इन विभागों की सुविधाएं केवल केजीएमयू और पीजीआई में उपलब्ध हैं। नए विभागों में इलाज के साथ पढ़ाई भी होगी। एमडी, एमएस, डीएम और एमसीएच जैसे कोर्स संचालित होंगे। इससे विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी पूरी होगी।

संस्थान में 1250 बेड, 150 संविदा डॉक्टर 

लोहिया संस्थान में कुल 1250 बेड है। जिसके लिए महज 150 नियमित डॉक्टर हैं। नेत्र रोग, डेंटल, मानसिक स्वास्थ्य, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, चर्म रोग और क्रिटिकल केयर मेडिसिन (CCM) समेत कई जरूरी विभाग फिलहाल संविदा चिकित्सकों के भरोसे चल रहे हैं। स्थिति यह है कि ईएनटी जैसे अहम विभाग में केवल एक ही नियमित डॉक्टर की तैनाती है। इस बार सबसे अधिक आवेदन नेत्र रोग, डेंटल, मानसिक रोग, रेडियोडायग्नोसिस और आर्थोपेडिक्स विभागों के लिए आए हैं। ये सभी विभाग लोहिया अस्पताल के संस्थान में विलय के बाद शुरू हुए हैं। ऐसे में पहली बार संस्थान स्तर पर नियमित डॉक्टरों की नियुक्ति की जा रही है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं सुधार की उम्मीद की जा रही है।

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