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सुप्रीम कोर्ट से अंसारी परिवार को बड़ा झटका, FIR-SIT की मांग खारिज, UP सरकार की बड़ी जीत

मुख्‍तार अंसारी को जेल में जहर देने का आरोप लगाने वाले अंसारी परिवार को सुप्रीम कोर्ट बड़ा झटका लगा है। मुख्‍तार की मौत की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी गठित करने की मांग वाली उमर अंसारी की याचिका को सर्वोच्‍च अदालत ने खारिज कर दिया है।

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Deepak Yadav
अंसारी परिवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका

अंसारी परिवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी गठित किए जाने की मांग को लेकर उनके बेटे उमर अंसारी की ओर से दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि यह उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप का मामला नहीं है। यह फैसला न केवल प्रदेश सरकार की सशक्त और तथ्यों पर आधारित पैरवी की जीत है, बल्कि संगठित अपराधियों के विरुद्ध उठाए गए कठोर कदमों की भी पुष्टि करता है। 

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अंसारी पर 65 से अधिक आपराधिक मुकदमे 

मुख्तार अंसारी गाजीपुर जनपद के कस्बा मोहम्मदाबाद का निवासी था। उस पर हत्या, अपहरण, वसूली, गैंगस्टर एक्ट, एनएसए समेत 65 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। वर्ष 1986 से अपराध जगत में सक्रिय मुख्तार ने साधु सिंह गैंग से मिलकर कई बड़े अपराध किए और राजनीति के माध्यम से भी अपनी आपराधिक गतिविधियों को संरक्षण देने की कोशिश की। उसके खिलाफ रूगटा हत्याकांड, जेलर हत्या मामला और कृष्णानंद राय की हत्या जैसे कई सनसनीखेज मामले दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी की 28 मार्च 2024 को बांदा जेल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी।

8 मामलों में हो चुकी थी सजा 

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार की स्पष्ट नीति और अभियोजन विभाग की मजबूत पैरवी के चलते अंसारी को अब तक आठ मामलों में सजा दिलाई जा चुकी है। इसमें 5 वर्ष, 5 वर्ष 6 माह, 7 वर्ष, 3 में 10 वर्ष और 2 में आजीवन वर्ष समेत अर्थदंड की सजा दी गई है।  उस पर दर्ज 65 अभियोग गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, दिल्ली, सोनभद्र, आगरा, लखनऊ, मऊ, आजमगढ़, पंजाब, बाराबंकी और बांदा में पंजीकृत हैं।

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