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लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर Photograph: (Social Media)
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लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर Photograph: (Social Media)
यूपी के गाजियाबाद जिले की लोनी सीट से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने पार्टी को कारण बताओ नोटिस कर जवाब रविवार को भेजा दिया। नंद किशोर गुर्जर ने नोटिस के जवाब में कहा कि संगठन का हर आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है। संगठन की टीम लोनी भेजकर पुलिस की बर्बरता की पुष्टि की जा सकती है। षड्यंत्र के तहत बड़े अधिकारी के इशारे पर पुलिस कलश यात्रा पर पथराव कराना चाहती थी। उस की आड़ में पुलिस मेरा एनकाउंटर कराना चाहती थी। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने की साजिश बताया। साथ ही कहा कि अगर योगी राज में रामकथा करना अपराध और अनुशासनहीनता तो मुझे निर्देश दें, ताकि मैं रामकथा न करने पर विचार करूं।
विधायक ने आगे कहा कि उसी आईपीएस अधिकारी ने बताया कि चूंकि मैं गौ रक्षा, गरीबों की सहायता और पुलिस के भ्रष्टाचार के खिलाफ बात योगी जी तक पहुंचाता हूं, इसलिए भ्रष्ट अधिकारी गुझसे नाराज हैं और मुझे योगी सरकार की नीति के अनुरूप कार्य करने के कारण 'कोटा' मानते हैं, लेकिन भगवान श्रीराम और लोनी की जनता के लिए मुझे अपने प्राणों की आहुति भी देनी पड़े, तो वह भी कम है।
उन्होंने रामायण की चौपाई 'सीम कि चांपि सकइ कोउ तासू, बड़ रखवार रमापति जासू' के जरिए अपनी बात रखी। विधायक ने कहा कि माननीय अध्यक्ष, रामायण स्वयं भगवान श्रीराम एवं माता जानकी हैं, जिन्हें मेरे इष्ट देवाधिदेव महादेव ने स्वयं सुनाया है। मैं पूछना चाहता हूं कि यदि यही कृत्य किसी अन्य धर्म के ग्रंथ के साथ किया जाता तो क्या होता? क्या रामकथा का आयोजन अपराध की श्रेणी में आता है? माताओं-बहनों द्वारा निकाली गई इस पवित्र यात्रा में समाज के सभी वर्गों के लोग, बीजेपी के जिला अध्यक्ष चौधरी चौनपाल सिंह एवं पार्टी के अन्य कार्यकर्ता भी शामिल थे। पुलिस ने उनके साथ भी अभद्रता की और ब्राह्मणों, कथा वाचकों, हिंदुओं और मेरी जाति को भी अपमानजनक गालियां दीं।
विधायक ने कहा कि अतः संगठन परिवार के मुखिया होने के नाते, मेरा आपसे अनुरोध है कि जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने विश्वामित्र जी के यज्ञ की रक्षा के लिए असुरों का संहार किया था, उसी प्रकार आप हमारे रामकथा के पावन यज्ञ में विघ्न डालने वाले इन आसुरी प्रवृत्ति के अधिकारियों पर शासन से दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें। मैं शीघ्र ही आपसे भेंट कर पूरी घटना से जुड़े प्रमाण प्रस्तुत करूंगा, ताकि स्पष्ट हो सके कि कुछ अधिकारी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने की साजिश किसके कहने पर रचे रहे थे? यदि आप खुद एक निष्पक्ष जांच समिति भेजकर इस घटना की जांच कराएं, तो सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मैं रामचरितमानस के अपमान से इतना आहत हूं कि जल तक ग्रहण नहीं कर रहा और नंगे पैर, फटे हुए कुर्ते में लोकतंत्र के इस चीरहरण का साक्षी हूं। मेरा कुर्ता फटना लोकतंत्र का चीरहरण है और एक-एक हिंदू का कुर्ता फटा है, फिर भी यदि योगी जी की सरकार में श्रीराम कथा कराना अपराध और अनुशासनहीनता है, तो मुझे निर्देश देने की कृपा करें, जिससे मैं भविष्य में श्रीराम कथा न कराने पर विचार करूं। संगठन का हर आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है।