Lucknow News : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को लोकसभा में आम बजट 2025-26 पेश किया। इस बजट में कई बड़े एलान किए गए हैं। केन्द्रीय बजट पर विभिन्न संगठनों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। राष्ट्रीय लोकदल (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ) ने इस बजट को किसानों के हित में बताया है। वहीं भारतीय किसान यूनियन ने इसे किसान-मजदूर के लिए केवल छलावा करार दिया है।
किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा हुई पांच लाख
रालोद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता आतिर रिजवी ने कहा कि बजट में अन्नदाताओं के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा तीन लाख से बढाकर पांच लाख किया गया है। देश में यूरिया की कमी न हो उसके लिए नई फैक्ट्री लगाने की घोषणा भी की गई है। बजट में प्रस्तावित गरीब, युवा, अन्नदाता और महिलाओं को ध्यान में रखते हुए 10 क्षेत्रों को कवर किया गया है। इनमें कृषि विकास और उत्पादकता को गति देना, ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलन निर्माण, समावेशी प्रगति के पथ पर सबको साथ लेकर चलने, भारत में विनिर्माण बढ़ाने और मेक इन इंडिया को आगे ले जाने, एमएसएमई को मदद देने, रोजगार और विकास को समर्थ बनाने, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश करने, ऊर्जा आपूर्तियां सुनिश्चित करने, निर्यात को बढ़ावा देने और नवाचार को पोषित करने पर फोकस किया गया है।
बजट जनता बनाम कॉर्पोरेट रहा
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष आलोक वर्मा ने कहा कि बजट में किसानों को कर्ज मुक्त करने का प्रावधान होना चाहिए था लेकिन सरकार ने दोबारा से कर्ज बढ़ाने की बात कही है। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट तीन लाख से पांच लाख बढ़ाकर कर्ज की जाल में फंसाकर अन्नदाताओं की जमीन कॉरपोरेट को सौंपने की साजिश है। किसानों की आय दोगुनी करने के पुराने वादों पर सरकार ने चुप्पी साध रखी है। यह बजट जनता बनाम कॉर्पोरेट रहा। सरकार ने पुराने बजट को नए सिरे से कॉरपोरेट के हवाले किया है। किसान-मजदूर के लिए यह बजट मात्र छलावा है। देश के किसान बजट को सिरे से नकारते हैं।