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रक्षा विशेषज्ञ बोले- पाकिस्तान पर नहीं भरोसा, दवाब बनाए रखे भारत Photograph: (YBN)
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। पहलगाम आतंकी हमले के करीब दो हफ्ते बाद भारत की तीनों सेनाओं ने संयुक्त अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया। भारतीय सेना ने आतंकवादियों के सरपरस्त पाकिस्तान को इतने गहरे जख्म दिए, जिनका भरना उसके लिए दशकों तक संभव नहीं होगा। इतना ही नहीं भारत ने पूरी दुनिया को भी अपनी सैन्य ताकत का भी एहसास करा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सेना को पूरी छूट दिए जाने के बाद भारतीय जवानों ने पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर ऐसा सबक सिखाया कि वह एक बार फिर घुटनों के बल आ गया है। वहीं भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति के मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हस्तक्षेप करते हुए दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की अपील की। इस पर भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम को राजी हो गए। हालांकि भारत ने यह सीजफायर अपनी शर्तों पर किया है।
भारती सेना की एतिहासिक कार्रवाई पर गर्व
भारत और पाकिस्तान बीच टकराव खत्म होने की घोषणा के बाद से सेना विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया आई है। लखनऊ विश्वविद्यालय के रक्षा विशेषज्ञ विभाग के प्रोफेसर ओपी शुक्ला का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने से शांति की स्थिति बनेगी। यह एक सार्थक प्रयास है लेकिन कूटनीति के दृश्य से भारत को सतर्क रहना पड़ेगा। क्योंकि पाकिस्तान जब भी अपने को कमजोर महसूस करता है वह सीज फायर की बात करता है। धीरे-धीरे इस विराम का उपयोग आतंकी ढांचे को पुनर्गठित करने की कोशिश करता है। भारत को दीर्घकालिक दृश्य से सतर्क रहना पड़ेगा कि पाकिस्तान पुन: आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा ना दे। विशेष कर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पाकिस्तान पर आतंकवादी गतिविधियां रोकने का दबाव बनाना चाहिए। साथ ही संयुक्त राज्य संघ को सुरक्षा परिषद के स्थाई और अस्थाई सदस्यों ने आतंकवादी गतिविधियां रोकने के लिए पाकिस्तान को चेतावनी दी। जिसके कारण पाकिस्तान में सीज फायर की पहल की। भारत एक शांतिप्रिय देश है अतः उसने भी सीज फायर का स्वागत किया है। हमें अपनी सेना पर गर्व है कि उसने पाकिस्तान को यह चेतावनी दी कि जब भी आतंकवादी गतिविधियां पाकिस्तान के द्वारा होगी भारत मुंहतोड़ जवाब देगा।
पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखना चाहिए
सेना के रिटायर्ड अफसर और रक्षा विशेषज्ञ कुंवर अशोक प्रताप सिंह का कहना है कि भारतीय सेनाओं ने इस बार जिस प्रकार की कड़ी कार्रवाई की है, वह ऐतिहासिक है। पाकिस्तान को यह सबक लंबे समय तक याद रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान को उसके ही घर में घुसकर ऐसा करारा जवाब दिया है कि अब वह किसी भी दुस्साहस से पहले कई बार सोचने को मजबूर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की पुरानी आदत रही है कि वह एक तरफ शांति वार्ता की बात करता है, तो दूसरी ओर आतंकी संगठनों को समर्थन देता है। यह कोई नई बात नहीं है कि पाकिस्तान सीजफायर या शांति वार्ता की पेशकश करता है, लेकिन उसकी मंशा असल में ऐसी नहीं होती है। यह उसका पुराना हथकंडा है। ताकि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को पीड़ित दिखा सके और दूसरी ओर आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा कर सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को कोई ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए। सीमा पर निगरानी और सैन्य सतर्कता में किसी भी प्रकार की कमी घातक सिद्ध हो सकती है।