लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलराई गांव में पिछले साल दो जुलाई को भगदड़ की घटना की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। इस हादसे में नारायण साकार हरि (Narayan Sakar Hari) उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी। न्यायिक जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भोले बाबा को क्लीन चिट दे दी है। रिपोर्ट के अनुसार, भगदड़ के लिए मुख्य रूप से आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया है। जबकि प्रशासन और पुलिस की लापरवाही को भी गंभीर चूक माना गया है। यह रिपोर्ट अब विधानसभा में पेश की जाएगी।
क्या कहती है न्यायिक जांच रिपोर्ट
हाथरस भगदड़ कांड की न्यायिक जांच की रिपोर्ट की शासन को सौंप दी गई है। यूपी विधानसभा में हाथरस कांड की न्यायिक जांच की रिपोर्ट विधानसभा के इसी सत्र में पेश होगी।रिपोर्ट के अनुसार, इस हादसे में भोले बाबा की कोई सीधी भूमिका नहीं थी। सत्संग में भीड़ को लेकर आयोजकों ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया था। अव्यवस्था और कुप्रबंधन ही इस घटना का कारण बना। एसआईटी (SIT) की तरह ही न्यायिक आयोग ने भी सत्संग करने वाले कथावाचक भोले बाबा को इस हादसे से अलग माना और उन्हें क्लीन चिट दी है।
न्यायिक आयोग ने ऐसी घटनाएं रोकने के दिए सुझाव
बजट पेश होने से पहले कैबिनेट बैठक में रिपोर्ट को प्रस्ताव के तौर पर रखा गया था। जिसे विधानमंडल के पटल पर रखने की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अहम सुझाव भी दिए हैं। आयोग ने रिपोर्ट में पुलिस की जांच को सही ठहराया है। हालांकि अब तक यह पुष्टि नहीं हो सकी है कि हादसे के पीछे साजिश के कोई प्रमाण मिले हैं या नहीं।
पुलिस की चार्जशीट नहीं था भोले बाबा जिक्र
घटना की जांच को लेकर पुलिस की दाखिल की गई चार्जशीट चौंकाने वाली थी। हादसे के 91 दिनों की जांच के बाद पुलिस ने 3200 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। इसमें 11 लोगों को आरोपी ठहराया गया था। हालांकि इस चार्जशीट में भी भोले बाबा का नाम शामिल नहीं था।
जानें पूरा मामला
पिछले साल दो जुलाई को हाथरस जिले के सिकंदराराऊ तहसील के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में साकार नारायण के सत्संग के बाद भदगड़ मच गई थी। भगदड़ में 121 भक्तों की जान चली गई थी। इस घटना की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव द्वितीय की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था। आयोग में सेवानिवृत्त आईएएस हेमंत राव और सेवानिवृत्त आईपीएस भावेश कुमार सिंह को सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।