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लखनऊ में BrahMos Missile यूनिट का शुभारंभ : राजनाथ सिंह बोले-पाकिस्तान के रावलपिंडी ने सुनी भारतीय सेना की धमक

ब्रह्मोस निर्माण यूनिट के वर्चुअल शुभारंभ अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज वैश्विक और क्षेत्रीय परिस्थितियां हमें यह सिखा रही हैं कि समय पर लक्ष्यों को पूरा करना कितना आवश्यक है।

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Abhishek Mishra
CM Yogi Defense Minister inaugurated Brahmos unit

सीएम योग और रक्षा मंत्री ने किया ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का शुभारंभ

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में अत्याधुनिक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के निर्माण हेतु एक नई उत्पादन इकाई का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। यह यूनिट उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के भटगांव क्षेत्र में स्थापित की गई है, जिसकी लागत लगभग 300 करोड़ रुपए है। इस परियोजना से करीब 3,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।

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उत्तर प्रदेश बनेगा रक्षा निर्माण का केंद्र

लखनऊ में ब्रह्मोस निर्माण यूनिट के वर्चुअल शुभारंभ अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज वैश्विक और क्षेत्रीय परिस्थितियां हमें यह सिखा रही हैं कि समय पर लक्ष्यों को पूरा करना कितना आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्र सरकार का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को रक्षा उत्पादन के एक सशक्त केंद्र के रूप में विकसित करना है। उन्होंने याद दिलाया कि एक समय कानपुर को 'पूरब का मैनचेस्टर' कहा जाता था, लेकिन समय के साथ वह पीछे रह गया। अब यह शहर पुनः विकास की नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है।

ताकतवर की इज्जत करती है दुनिया

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राजनाथ सिंह ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उद्धृत करते हुए कहा की दुनिया कमजोरों की नहीं, बल्कि ताकतवरों की इज्जत करती है। उन्होंने आगे कहा कि यह महज एक फैक्ट्री का उद्घाटन नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ठोस कदम है। रक्षा मंत्री ने बताया कि डिफेंस कॉरिडोर में अब तक 4,000 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। 

ग्रोथ पोल के रूप में देखा जाएगा लखनऊ

रक्षा मंत्री ने कहा कि तकनीकी प्रगति जिस गति से हो रही है, वह दुनिया में बड़े बदलाव ला रही है। इसी सिलसिले में लखनऊ को आने वाले वर्षों में तकनीक और रक्षा नवाचार के संगम के रूप में पहचान मिलेगी। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि लखनऊ को आने वाले समय में ग्रोथ पोल के रूप में देखा जाएगा — एक ऐसा केंद्र जो औद्योगिक और रणनीतिक विकास का आधार बनेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज भारत की रक्षा क्षमता इस मुकाम पर पहुंच गई है कि उसकी मिसाइलों और सैन्य सेवाओं की प्रतिध्वनि सरहद पार रावलपिंडी तक सुनाई दे रही है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की सैन्य दृढ़ता का प्रतीक है।

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पाक जानता है क्या है ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत का अहसास दुनिया को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए हो चुका है, और अगर किसी को इसकी क्षमताओं पर संदेह है तो वे पाकिस्तान से इसके प्रभाव के बारे में पूछ सकते हैं। उन्होंने आतंकवाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह कुत्ते की पूंछ की तरह है, जो कभी सीधी नहीं होती।

आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रगति

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सीएम योगी ने कहा कि अब भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि लखनऊ में ब्रह्मोस परियोजना के लिए दिसंबर 2021 में 80 हेक्टेयर भूमि दी गई थी, और महज 3.5 वर्षों में यह निर्माणाधीन इकाई पूरी तरह तैयार हो गई। यह डिफेंस यूनिट, BrahMos Aerospace द्वारा विकसित की गई है और इसके माध्यम से भारत के रक्षा उत्पादन को नई ऊंचाई मिलेगी।

भारत के रक्षा निर्यात में बड़ी छलांग

सीएम योगी ने बताया कि पहले भारत रक्षा उत्पादों का बड़ा आयातक था, लेकिन अब न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है, बल्कि रक्षा उत्पादों के निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आने वाले समय में यूपी इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा।

प्रधानमंत्री की पहल से शुरू हुई थी राह

सीएम योगी ने कहा की वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में आयोजित पहले इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूपी में रक्षा गलियारे की घोषणा की गई थी। इसके बाद 2020 में पहली बार डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया गया, जहां लखनऊ में ब्रह्मोस निर्माण का एजेंडा आगे बढ़ाया गया। भूमि आवंटन के मामले में यूपी सरकार ने लचीला रुख अपनाया और डिफेंस प्रोजेक्ट के लिए मुफ्त ज़मीन उपलब्ध कराई। सरकार का मानना है कि जीएसटी राजस्व के जरिए भूमि की लागत की भरपाई हो जाएगी।

डिफेंस सेक्टर में निवेश और रोजगार

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि राज्य के डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अब तक 29,000 करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू साइन हो चुके हैं, जिनमें से 9,000 करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतर चुका है। इस परियोजना के अंतर्गत छह नोड — लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, झांसी, चित्रकूट और आगरा — पर काम चल रहा है। राज्य सरकार ने अब तक 57 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटित कर दी है। मुख्य सचिव ने कहा कि इस पूरे प्रोजेक्ट का लक्ष्य है 50,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और एक लाख से अधिक रोजगार का सृजन करना।

लखनऊ सिर्फ तहज़ीब का नहीं ताकत का भी प्रतीक

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अब लखनऊ केवल तहज़ीब और मुस्कान का शहर नहीं रहा, बल्कि यहां अत्याधुनिक हथियारों का निर्माण भी हो रहा है। दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए जो हथियार बन रहे हैं, उनकी चर्चा अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी हो रही है।

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