लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का भारत आत्मबल और आत्मविश्वास से परिपूर्ण है। देश अब हर प्रकार की चुनौती का डटकर सामना कर रहा है। हाल की गई ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर करारा जवाब दिया, जिससे पूरी दुनिया ने हमारी ताकत को देखा। उन्होंने कहा कि भारत की नीति कभी आक्रामक नहीं रही, लेकिन अगर कोई देश हमें चुनौती देता है तो हम चुप भी नहीं बैठते।
छात्रों के लिए पढ़ाई को बनाएं रुचिकर
लखनऊ स्थित लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते भारत में शिक्षकों की जिम्मेदारी कहीं अधिक बढ़ गई है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे समय से विद्यालय पहुंचे, छात्रों के लिए पढ़ाई को रुचिकर बनाएं और खुद एक आदर्श प्रस्तुत करें। उनका कहना था कि शिक्षकों का आचरण आने वाली पीढ़ियों को दिशा देता है।
नौकरियों के लिए सिफारिश की नहीं जरुरत
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने सहायक अध्यापक और प्रवक्ता पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में अब नौकरियों के लिए सिफारिश की आवश्यकता नहीं है। चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है। उन्होंने बताया कि 2017 से पहले माध्यमिक शिक्षा की स्थिति चिंताजनक थी, लेकिन अब बड़े स्तर पर सुधार किए गए हैं।
शिक्षा विभाग में पारदर्शी चयन प्रक्रिया
इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने नव नियुक्त शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में कई बदलाव लाए जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में पारदर्शी चयन प्रक्रिया के तहत 49 प्रवक्ताओं और 494 सहायक अध्यापकों को नियुक्त किया गया है।उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में विद्यालयों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रोजेक्ट अलंकार के तहत 508 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। वहीं, सहायता प्राप्त और संस्कृत विद्यालयों के लिए 14 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।
एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को लागू
मुख्यमंत्री ने कहा की राज्य सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को लागू किया है और आवश्यकतानुसार अस्थायी रूप से मानदेय पर शिक्षकों की नियुक्ति भी की गई है। सेवानिवृत्त शिक्षकों से रिक्त पदों को भरकर सत्र के अंत तक पढ़ाई को सुचारु रूप से जारी रखने की व्यवस्था की गई है।
राज्य में लागू की नकलरहित परीक्षा प्रणाली
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अब राज्य में नकलरहित परीक्षा प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू किया गया है और माध्यमिक शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को जमीन पर उतारने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने अंत में कहा कि एक शिक्षक का व्यक्तित्व और व्यवहार बच्चों के जीवन पर गहरा असर डालता है। सफलता तभी स्थायी हो सकती है जब कर्म के प्रति ईमानदारी बनी रहे।
पहले की सरकारों ने नहीं दिखाई राजनीतिक इच्छाशक्ति
उन्होंने कहा कि 8 वर्ष में 8 लाख से अधिक नौजवानों को प्रदेश की विभिन्न सेवाओं में सरकारी नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। अकेले माध्यमिक शिक्षा में यह संख्या 40 हजार तक पहुंच रही है। पिछले कुछ समय में हमने आठ हजार से अधिक शिक्षक माध्यमिक शिक्षा से जुड़े हुए राजकीय इंटर कॉलेज में चयनित किए हैं। इससे पहले बेसिक शिक्षा परिषद में भी प्रदेश सरकार ने लगभग 1 लाख 23 हजार से अधिक शिक्षकों की सफलतापूर्वक भर्ती के कार्यक्रम को आगे बढ़ा करके शिक्षकों की कमी को पूरा किया था। यह प्रयास पहले भी हो सकते थे, नहीं किए गए। पहले की सरकारों में राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं थी।
नकल के लिए बदनाम थे कुछ जनपद
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले माध्यमिक शिक्षा में नकल के लिए कुछ जनपद बदनाम हो चुके थे। स्कूल में शिक्षक नहीं, छात्रों की संख्या कम है, लेकिन परीक्षा देने के लिए हिमाचल, हरियाणा और जम्मू कश्मीर के छात्र वहां आते थे। जब इसकी जांच पड़ताल की तो पता चला कि यह तो प्रॉक्सी परीक्षार्थी हैं। यानी उसके नाम पर कोई दूसरा व्यक्ति ही परीक्षा दे रहा है। यह ठेका पद्यति बोर्ड की परीक्षाओं में पूरी तरह रोका गया।
नकलविहीन परीक्षा, परिणाम में भी दिखा सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा जब कड़ाई की तो परीक्षा परिणाम में भी सुधार हुआ है। नकल विहीन परीक्षा के साथ-साथ 56 लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा को महज 14 दिन में संपन्न किया जा सकता है, यह एक उदाहरण बना है। प्रोजेक्ट अलंकार के अंतर्गत न केवल गवर्नमेंट संस्थानों में बल्कि गवर्नमेंट की सहायता से संचालित अशासकीय विद्यालयों को भी अनुदान देकर अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। आज अच्छे भवन बन गए हैं, लैब अच्छी हैं, लाइब्रेरी हैं, अच्छे स्मार्ट क्लासेस हैं, बहुत कुछ सुधार देखने को मिल रहा है।
खेलकूद को मिल रहा है बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि न केवल अच्छा पठन-पाठन का माहौल हो, बल्कि खेलकूद की गतिविधियों को भी हम आगे बढ़ा सकें इसके लिए मिनी स्टेडियम के कार्यक्रम को भी आगे बढ़ा रहे हैं। खेलकूद की गतिविधियां भी छात्र के जीवन को आगे बढ़ाने में निर्णायक साबित हो सकती हैं। ऐसे 23 मिनी स्टेडियम का भी शिलान्यास किया गया है। यहां पर आईसीटी योजना के अंतर्गत जो लैब बनी है उसने भी तकनीक के प्रति माध्यमिक शिक्षा से जुड़े हुए विद्यालयों को अग्रणी बनाया है। अगर हम तकनीक में पिछड़ जाएंगे तो अपनी वर्तमान पीढ़ी के साथ अन्याय करेंगे और माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस दिशा में न सिर्फ इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है। इसके साथ ही अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना के कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाया जा रहा है।