लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ के गोमती नगर विस्तार स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों को सम्मानित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल परीक्षा में प्राप्त अंकों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य छात्रों में नैतिक मूल्यों, अच्छे संस्कारों और राष्ट्रभक्ति की भावना का विकास करना होना चाहिए।
केवल अंकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए शिक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित कर दिया जाए तो उसका उद्देश्य अधूरा रह जाता है। सच्ची शिक्षा वही है जो व्यक्ति को समाज के लिए प्रेरणादायक और राष्ट्र के लिए उपयोगी बनाए। जब विद्यार्थी अपने आचरण में नैतिकता और देशभक्ति को शामिल करते हैं, तभी भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है।
शिक्षण संस्थानों के लिए प्रेरणा
सीएम योगी ने सीएमएस की स्थापना की यात्रा को हुए बताया कि कैसे डॉक्टर जगदीश गांधी और डॉ. भारती गांधी ने दशकों पहले सीमित संसाधनों के बीच एक बड़े उद्देश्य को लेकर इस संस्था की नींव रखी। उन्होंने कहा कि उन दिनों उनके पास कोई बड़ी व्यवस्था नहीं थी, लेकिन उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का सपना देखा और उसे साकार भी किया।
राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ कार्य करना चाहिए
मुख्यमंत्री ने भारत की वैदिक परंपराओं की चर्चा करते हुए कहा कि 'माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः' जैसी भावनाएं हमारी संस्कृति की आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भाव को ‘नेशन फर्स्ट’ के सिद्धांत में ढाला है, और हमें अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इसी सोच के साथ कार्य करना चाहिए।
मेधावी विद्यार्थियों को किया सम्मानित
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ICSE और ISC परीक्षा में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों के साथ-साथ JEE मेन में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया। इन विद्यार्थियों को एक-एक लाख रुपये की सम्मान राशि भेंट की गई। समारोह में सीएमएस संस्थापिका डॉ. भारती गांधी, प्रबंधक प्रो. गीता गांधी, अध्यक्ष डॉ. रोजर किंगडम, कोषाध्यक्ष विनय गांधी, पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल सहित कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।