लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित अहिल्याबाई स्मृति अभियान कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मालवा की महारानी अहिल्याबाई होलकर के योगदान को ऐतिहासिक बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि जब अहिल्याबाई ने सत्ता संभाली, तब उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मार्ग केवल धर्म और न्याय का मार्ग होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई उस समय की थीं जब सनातन धर्म पर संकट था। उन्होंने न केवल धार्मिक परंपराओं की रक्षा की, बल्कि 'धर्मो रक्षति रक्षितः' की भावना को अपने कार्यों से चरितार्थ किया। उनके प्रयासों से भारत के कई प्राचीन तीर्थस्थलों को फिर से भव्य स्वरूप मिला।
काशी, केदारनाथ और सोमनाथ का कराया पुनर्निर्माण
सीएम योगी ने बताया कि औरंगजेब के शासनकाल में क्षतिग्रस्त काशी विश्वनाथ धाम की पुनर्स्थापना अहिल्याबाई ने करवाई। केदारनाथ धाम, जहाँ प्राकृतिक आपदाओं के चलते कई बार संकट आया, वहां भी उन्होंने सजावट और विकास के कार्य कराए। इतना ही नहीं 1000 वर्ष पहले महमूद गजनवी के ध्वस्त किए गए सोमनाथ मंदिर को फिर से स्थापित करने में भी उनका योगदान रहा।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल थीं अहिल्याबाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई केवल धार्मिक पुनर्जागरण की प्रतीक नहीं थीं, बल्कि उन्होंने महिला स्वावलंबन को भी बढ़ावा दिया। उन्होंने समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का कार्य किया और नारी गरिमा को सशक्त स्वरूप प्रदान किया। सीएम ने यह भी बताया कि देश की प्रमुख नदियों के घाटों पर पक्का निर्माण करवाने का कार्य भी अहिल्याबाई ने ही शुरू किया। उनके इस प्रयास से नदियों से जुड़ी सांस्कृतिक परंपराओं को मजबूती मिली और धार्मिक यात्राएं सहज हुईं।