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सीएम योगी कहा कि वक्फ के नाम पर विपक्ष भड़का रहा हिंसा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने रविवार को भागीदारी भवन में आयोजित 'भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर सम्मान अभियान' की कार्यशाला में कहा कि देश और राज्य में वर्षों से वक्फ के नाम पर लाखों एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है। इन जमीनों के पास न तो वैध दस्तावेज हैं और न ही राजस्व अभिलेखों में उनका कोई रिकॉर्ड। इसी वजह से संसद में वक्फ कानून में संशोधन किया गया और अब उस संशोधन के तहत कार्रवाई की जा रही है।
बंगाल के मुर्शिदाबाद की घटना का जिक्र
सीएम योगी ने यह भी कहा कि जैसे ही जमीनों को वैध तरीके से पुनः राजस्व रिकॉर्ड में लाने की प्रक्रिया शुरू हुई, कुछ जगहों पर हिंसा भड़काने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की घटना का हवाला देते हुए बताया कि वहां तीन दलित हिंदुओं को उनके घर से खींचकर निर्ममता से मार दिया गया। ये सभी गरीब और वंचित तबके से थे, जिन्हें इस जमीन के पुनर्वितरण से सबसे अधिक लाभ मिलने वाला था।
भ्रम फैलाने की राजनीति हमेशा के लिए खत्म
सीएम योगी ने कहा कि जब यह जमीन सरकार के अधिकार में वापस आएगी तो उस पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाकर गरीबों को बेहतर आवास दिया जाएगा। इससे न केवल उन्हें छत मिलेगी, बल्कि वे भी मुख्यधारा की जीवनशैली का हिस्सा बन सकेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल इस बदलाव से डरे हुए हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर गरीबों को सही लाभ मिल गया तो उनकी तुष्टिकरण और भ्रम फैलाने की राजनीति हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।
बांग्लादेश में उत्पीड़न का शिकार बने हिंदू
मुख्यमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में जिन हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है, वह दलित हैं। कांग्रेस, सपा व ममता बनर्जी ने उनके पक्ष में आवाज नहीं उठाई, यह आवाज केवल भाजपा ने उठाई। भाजपा प्रतिबद्ध है कि हमें हर हिंदू की रक्षा करनी है, इसी के लिए सीएए भी बनाया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्ताान में कोई सिख, हिंदू, जैन, बौद्ध यदि प्रताड़ित हैं और वह भारत में आया है तो उसे नागरिकता मिल जाए, लेकिन कांग्रेस और सपा के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। यह वही दल हैं, जो दलितों व वंचितों का अधिकार छीनते हैं। इनकी जमीन पर कब्जा करने वाले लोग भी सपा व कांग्रेस से जुड़े होते हैं, लेकिन सरकार ऐसे लोगों को ठीक करती है, जिससे वे कब्जा न कर पाएं।
पीड़ित हिंदू यदि भारत नहीं आएगा तो कहां जाएगा
सीएम ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में जो वंचित-दलित हिंदु था, उनको सीएए एक्ट के तहत भारत की नागरिकता देने के कार्य को जब पीएम मोदी ने आगे बढ़ाया तो विपक्षी दलों ने देश में आंदोलन, आगजनी, तोड़फोड़ की, लेकिन सरकार ने दृढ़ता से उसका सामना करते हुए नागरिकता देने का कार्य किया। पाकिस्तान, बांग्लादेश या दुनिया में कहीं भी पीड़ित हिंदु होगा, वह अंततः हिंदुस्तान में ही शरण लेने को मजबूर होगा। कांग्रेस, सपा व टीएमसी जैसे दलों ने उन्हें शरणार्थी के रूप में रखा, लेकिन भाजपा ने अपनाया।
राष्ट्रनायकों के अपमान में जुटी विपक्षी पार्टियां
सीएम ने कहा कि कांग्रेस व सपा राष्ट्रनायकों के अपमान पर उतारू है। 2012 में सपा सरकार बनने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कहा था कि सामाजिक न्याय के जितने भी स्थल बनाए गए हैं, उन्हें तोड़वाएंगे और इसमें मैरिज हॉल खुलवाएंगे। लखनऊ में मान्यवर कांशीराम के नाम पर बने विश्वविद्यालय, सहारनपुर मेडिकल कॉलेज, कन्नौज मेडिकल कॉलेज डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम था, जिसे बदल दिया गया, लेकिन हम लोगों ने घोषणा की कि कन्नौज में यह बाबा साहेब के नाम पर ही होगा।
औरंगजेब का महिमामंडन और शिवाजी का अपमान
सीएम योगी ने कहा कि यह लोग सामाजिक न्याय के प्रतीक महापुरुषों को अपमानित करते रहे हैं। महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ वक्तव्य देते हैं और औरंगजेब का महिमामंडन करते हैं। तीन वर्ष पहले जब हम लोग प्रदेश में लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन पर रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम से जुड़े थे तो सपा मुखिया भारत के तोड़क जिन्ना का महिमामंडन कर रहे थे। जब भारत के महापुरुष के सम्मान की बात आती है तो यह लोग कोई न कोई प्रोपोगंडा फैलाते हैं, जिससे समाज को बांटने का कार्य किया जा सके। छत्रपति शिवाजी, लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर, महाराणा प्रताप, महाराणा सांगा का अपमान उसी श्रृंखला का हिस्सा है, जो कांग्रेस व सपा का डीएनए अब तक करता रहा है।
लोकसभा चुनाव में जनता को गुमराह करने का आरोप
सीएम ने कहा कि लोकसभा चुनाव के प्रकरण को याद किया और कहा कि चुनाव के समय यह लोग भारत का संविधान लगी फर्जी पुस्तिका प्रिंट कराते हैं और जगह-जगह जाकर जनता के सामने मायाजाल फैलाते हैं। किसी से छिपा नहीं है कि उस समय इन लोगों ने कैसी-कैसी बातें कहीं।
कौन थे बाबा साहेब का अपमान करने वाले लोग
सीएम ने कहाकि बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करने वाले लोग कौन थे। 1952 में बाबा साहेब को चुनाव हरवाया गया। 1954 उपचुनाव में बाबा साहेब के निजी सहायक को उनके खिलाफ लड़ाया। उस समय पीएम नेहरू ने बाबा साहेब के खिलाफ प्रचार किया और उन्हें परास्त करवाया। अंततः हिंदू महासभा के एक सदस्य ने पुणे की सीट छोड़ी, तब डॉ. आंबेडकर संसद में जा पाए।
सामाजिक न्याय के प्रतीकों के खिलाफ षड्यंत्र
सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस व सपा देश तोड़क तत्वों के साथ खड़ी रही है। हम लोगों ने पिछले सत्र में विधानसभा व विधान परिषद के प्रत्येक सदस्य को संविधान की मूल प्रति भेंट की थी। कांग्रेस ने दिल्ली में बाबा साहेब का अंतिम संस्कार तक नहीं होने दिया। उनका स्मारक तक नहीं बनने दिया। 1976 में देश के संविधान की प्रस्तावना में संशोधन करके ऐसे शब्द डाल दिए गए, जिसके खिलाफ स्वयं बाबा साहेब ने तर्क दिए थे। पीएम मोदी ने बाबा साहेब के पंचतीर्थ को विकसित कर उन्हें सम्मान दिया। कांग्रेस हो या सपा, टीएमसी हो या वामपंथी दल, यह सभी लगातार बाबा साहेब व सामाजिक न्याय के पुरोधाओं के खिलाफ षडयंत्र रचते रहे।
दलित बस्तियों में जाकर सही जानकारी दें कार्यकर्ता
सीएम योगी ने कहा कि लखनऊ में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का इंटरनेशनल सेंटर, स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र स्थापित कर रहे हैं। जहां बाबा साहेब के दर्शन पर शोध हो सके। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि बाबा साहेब की पावन जयंती पर इन मुद्दों को लेकर दलित-वंचित बस्ती में जाएं और सही तथ्य रखें।