लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। केंद्र सरकार के आगामी जनगणना के साथ जाति गणना कराने के फैसले का विपक्षी दलों ने स्वागत किया है। वहीं, जाति जनगणना का श्रेय लेने के लिए उनमें होड़ मच गई है। इसमें सबसे आगे चली रही कांग्रेस पर भी बसपा सुप्रीमो मायावती (mayawati) ने तीखा हमला किया है। उन्होंने जनता से कांग्रेस और भाजपा से सतर्क रहने की अपील की है।
कांग्रेस ने ओबीसी-दलितों के हक पर किया कुठाराघात
मायावती ने शनिवार को इंटरनेट मीडिया एक्स पर लिखा कि सन् 1931 व आजादी के बाद पहली बार देश में जातीय जनगणना कराने के केन्द्र के निर्णय का श्रेय लेने में कांग्रेस यह भूल गयी कि दलित व ओबीसी समाज के करोड़ों लोगों को आरक्षण सहित उनके संवैधानिक हक से वंचित रखने में उसका इतिहास काला अध्याय है। इस कारण उसे सत्ता भी गंवानी पड़ी है।
दलित-ओबीसी प्रेम कांग्रेस का छलावा
बसपा प्रमुख ने आगे लिखा, किन्तु सत्ता विहीन होने के बाद कांग्रेस नेतृत्व का खासकर दलित व ओबीसी समाज के प्रति नया उभरा प्रेम विश्वास से परे इन वर्गों के वोट के स्वार्थ की खातिर छलावा की अवसरवादी राजनीति। वैसे भी आरक्षण को निष्क्रिय बनाकर अन्ततः इसको खत्म करने की इनकी नापाक मंशा को कौन भुला सकता है?
आरक्षण मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस एक जैसे
मायावती ने कहा कि आरक्षण व संविधान के जनकल्याणकारी उद्देश्यों को फेल करने में भाजपा भी कांग्रेस से कम नहीं, बल्कि दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। किन्तु अब वोटों के स्वार्थ व सत्ता के मोह के कारण भाजपा को भी जातीय जनगणना की जन अकांक्षा के आगे झुकना पड़ा है, जिसका स्वागत।
भाजपा-कांग्रेस के वोट की राजनीति के खेल निराले
साथ ही, संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को भारतरत्न से सम्मानित करने से लेकर धारा 340 के तहत ओबीसी को आरक्षण देने जैसे अनेकों मामलों में कांग्रेस व भाजपा का रवैया जातिवादी व द्वेषपूर्ण रहा है, किन्तु इनके वोट की राजनीति के खेल निराले हैं। लोग सावधान रहें।