लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2025 के लिए प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची पर न तो किसी नागरिक ने आपत्ति दर्ज कराई और न ही किसी स्तर पर कोई अपील दाखिल की गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर-2025) की प्रक्रिया पूरी तरह शांतिपूर्ण और निर्विवाद रूप से संपन्न हुई है।
निर्वाचक नामावली तैयार करने की प्रक्रिया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार निर्वाचक नामावली भारत निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शन में तैयार की जाती है और इसे समय-समय पर अपडेट किया जाता है। मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन की प्रक्रिया बूथ लेवल अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर की जाती है, जिसे संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी अंतिम रूप देता है।
राजनीतिक दलों को प्रतियां कराई गईं उपलब्ध
हर वर्ष की तरह इस बार भी मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी शुरुआत 7 अगस्त 2024 को हुई थी और अंतिम प्रकाशन 7 जनवरी 2025 को किया गया। अंतिम सूची को सार्वजनिक डोमेन में वेबसाइट www.ceouttarpradesh.nic.in पर अपलोड किया गया, साथ ही सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को उसकी प्रतियां भी उपलब्ध कराई गईं।
प्रदेश के किसी भी ज़िले में कोई अपील नहीं
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के तहत यदि किसी व्यक्ति को मतदाता सूची में शामिल किसी प्रविष्टि को लेकर असहमति होती है, तो वह प्रथम अपील ज़िला मजिस्ट्रेट या कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष और द्वितीय अपील राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास दर्ज करा सकता है। इस बार विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के अंतिम प्रकाशन के बाद प्रदेश के किसी भी ज़िले में कोई अपील प्राप्त नहीं हुई है। न ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी को किसी स्तर पर कोई शिकायत या आपत्ति सौंपी गई है।
मतदाता सूची तकनीकी रूप से सटीक
इससे यह स्पष्ट होता है कि इस बार की मतदाता सूची न केवल तकनीकी रूप से सटीक रही, बल्कि सभी राजनीतिक दलों ने भी उसे पूरी तरह से स्वीकार कर लिया है। आयोग के अनुसार, यह पारदर्शिता और सुचारु निर्वाचन व्यवस्था की दिशा में एक अहम कदम है।