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पुणे के पार्क में नमाज़ पढ़ने पर विवाद, मौलाना ने दिया यह जवाब

पुणे में एक पार्क में कुछ औरतें के नमाज़ पढ़ने के मामले पर सिसायत गर्म है। वहीं अब लखनऊ के दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना सूफियान निजामी का भी बयान सामने आ गया है।

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Mohd. Arslan
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मौलाना सूफियान निजामी Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

पुणे के पार्क में कुछ महिलाओं के नमाज़ पढ़ने पर अब विवाद खड़ा हो गया है। नमाज़ पढ़ने की जगह पर बीजेपी से जुड़े कुछ लोगों ने किले में बने उस पार्क पर पहुंचकर गंगाजल छिड़का और उसके शुद्धिकरण की बात कही। हिंदू संगठनों ने महिलाओं पर कार्रवाई की बात कही जिसके बाद सियासत गरमा गई। अब इस मामले पर लखनऊ से भी बयान सामने आया है। दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सूफियान निजामी ने मुसलमानों के हर काम पर सियासत होने पर सवाल किया है।

मुसलमानों ने हिंदू कार्यक्रमों पर नहीं किया कभी एतराज़

मंगलवार को अपने बयान में मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि नमाज़ पढ़ना कोई जुर्म नहीं है। अगर किसी पार्क में चंद औरतों ने नमाज़ पढ़ ली तो उस पर इतना शोर मचाना मुनासिब नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे मुल्क के अंदर तमाम धर्म के लोग सड़कों पर अपना त्यौहार मनाते हैं। पार्कों में पूजा वंदना और बहुत से कार्यकम किए जाते है। सड़कों पर यात्राएं निकाली जाती और भंडारे किए जाते है लेकिन इन सब पर कभी भी किसी मुसलमान ने कोई एतराज़ नहीं किया। 

संविधान सबके लिए बराबर

मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि अफसोस की बात है की कुछ सियासी लोग जिनका काम अपना एजेंडा और पोलिटिकल फायदा हासिल करना है, वह मुसलमान के हर काम में मीन-मेख निकालने की कोशिश करते है। मौलाना ने कहा कि चंद औरतों ने अगर वहां पर नमाज़ पढ़ ली और उनकी नमाज से उस दौरान किसी को कोई दिक्कत या परेशानी नहीं हो रही तो इस पर इतना हाय तौबा मचाना और उन पर कार्रवाई करना कतई भी जायज़ नहीं है। आगे बोलते हुए मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि संविधान सबके लिए बराबर है और संविधान के दायरे में रहकर सबको अपने मजहब पर अमल करने का हक देता है और इसको छीनने का किसी को भी इख्तियार नहीं है।

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