/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/26/ErGR7dTqyyOnexKazoNS.jpg)
सहकारी बैंक कमचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।प्रदेश के सहकारी बैंक कर्मियों ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है। कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश की कई जिला सहकारी बैंकों में उनके भविष्य निधि की राशि भविष्य निधि संगठन में जमा नहीं की जा रही है। इससे कर्मचारियों का काफी नुकसान हो रहा है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है। यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
भविष्य निधि संगठन में जमा न होने पर जताई चिंता
डिप्लोमा इंजीनियर 'संघ भवन' के सभागार में शनिवार को कोआपरेटिव बैंक वर्कर्स यूनियन की बैठक में सहकारी कर्मचारी नेता एसएन मिश्रा ने कहा कि प्रदेश की कई जिला सहकारी बैंकों में कर्मचारियों की भविष्य निधि की राशि भविष्य निधि संगठन में जमा नहीं हो रही है। जबकि सभी बैंकों के कर्मचारियों की यह राशि भविष्य निधि संगठन में जमा होनी चाहिए। जिससे कर्मचारी अधिक ब्याज, पेंशन एवं ईपीएफओ की तरफ से मिलने वाले बीमा का लाभ ले सके।
सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की मांग
महामंत्री शिशिर शर्मा ने प्रदेश के सभी सहकारी बैंकों के एकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिला सहकारी बैंकों में कर्मचारियों की भारी कमी है। कई वर्षों से बैंकों में कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई है। ऐसे में बैंक में रिक्त पदों पर भर्ती की जाए। इसके आलवा प्राथमिक सहकारी समितियों की तर्ज पर सभी केंद्रीय सहकारी बैंकों में कार्मिकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 स्थान पर 62 साल की जाए। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सहकारी बैंक कर्मचारियों की 11 समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव सहकारिता को ज्ञापन दिया जाएगा। मांगें पूरी नहीं होने पर पन्द्रह दिन बाद प्रान्तीय बैठक कर आन्दोलन का फैसला किया जाएगा।
पहलगाम हमले में मारे गए नागरिकों को दी श्रद्धांजलि
इस दौरान सभी कर्मचारियों ने पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले निर्दोष नागरिकों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। बैठक में ओमचंद शुक्ला, मोहम्मद जुहेब, प्रशांत बाल्यान, अनिल कुमार, विनोद कुमार गौतम, मनीष शर्मा, सर्वेश कुमार, रामदेव बिन्द, राजकुमार, विकास गुप्ता, नेत्रपाल सिंह, शेलेन्द्र मिश्रा, रवींद्र सिंह, आशु द्विवेदी, राहुल यादव, महेश शर्मा, रमेश चंद, माधुरी सिंह आदि शामिल रहे।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- उप्र सहकारी समिति कर्मचारी सेवा विनियमावली 1975 के विनिमय संख्या-24 में संशोधन किया जाए।
- 16 कमजोर जिला सहकारी बैंकों सहित प्रदेश की सभी कर्मचारियों को समान वेतन का लाभ दिया जाए।
- जिला सहकारी बैंकों के कर्मचारियों को मेडिकल क्लेम का लाभ व लंबित क्लेम का तत्काल भुगतान हो।
- कामर्शियल बैंकों कि तर्ज पर यूपी की 50 जिला सहकारी बैंकों का उप्र कोआपरेटिव बैंकों के साथ विलय कराया जाए।
- वर्ष 2012 से 2017 के बीच नियुक्त कर्मचारियों को शर्तों का लाभ दिया जाए।