लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में दो सगे भाईयों की आगे पीछे करके हुई मौत हैरानी करने वाला है। छोटे भाई की मौत के चार दिन बाद बड़े भाई का भी अचानक दम तोड़ने की खबर जो भी सुना व पढ़ा अवाक रह गया। चूंकि दोनों भाईयों की मौत एक जैसे ही हुई है। इन्हें न कोई परेशानी थी और न ही बीमारी। छोटा भाई तहसील परिसर में अचानक गिरा और दम तोड़ दिया। इसी प्रकार से बड़े भाई का यही हाल हुआ। परिवार में तीन के अंदर दो मौत होने से घर के अन्य और सदस्य पूरी तरह से टूट गए है। सभी का रो -रोकर बुरा हाल है।
तीन दिन पहले अधिवक्ता अभिषेक की हो गई थी मौत
बता दें कि बंथरा के हनुमान मंदिर के पास रहने वाले लाल बहादुर के दो पुत्र मोनू सिंह उम्र करीब 45 और अभिषेक सिंह उर्फ पवन उम्र करीब 24 थे। बड़े भाई मोनू सिंह मेडिकल स्टोर चला रहे थे जबकि छोटा भाई अभिषेक अधिवक्ता थे, जो सरोजनीनगर तहसील में वकालत करते थे। बीते सोमवार को अभिषेक अपने साथी के साथ बिजनौर में एक रजिस्ट्री के काम से गए थे। वहां से काम निपटाने के बाद दोपहर बाद तहसील सरोजनीनगर पहुंचे। अपने चैम्बर के बाहर कुछ साथी के साथ बात ही कर रहे थे कि अचानक चक्कर खाकर गिर पड़े। साथी अधिवक्ता दौड़े और आनन-फानन में अस्पताल में लेकर भागे लेकिन तब तक अभिषेक की मौत हो चुकी थी।
अभिषेक की मौत से बड़े भाई को लगा गहरा सदमा
इस घटना को पूरिवार वाले भूल नहीं पाए कि शुक्रवार की सुबह अचानक मोनू की तबियत खराब हो गए और परिजन अस्पताल लेकर भागे लेकिन वहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। छोटे भाई की तरह ठीक बड़े भाई की भी मौत हो जाना हर किसी को हतप्रभ कर दिया। बअब मोनू सिंह के मौत के पीछे कारण बताया जा रहा है कि छोटे भाई की मौत के बाद से वह पूरी तरह से छूट चुके थे। चूंकि दोनों की जोड़ी राम लक्ष्मण से कम नहीं थी। दोनों के बीच आपसी प्रेम को देखकर मुहल्ले के लोग उदाहरण देते थे और कहते थे कि जोड़ी हो तो राम लक्ष्यण की।
शुक्रवार को बड़े भाई ने भी छोटे भाई की तरह छोड़ दी दुनिया
छोटे भाई के असमय मौत होने से उन्हें गहरा सदमा लगा। चूंकि अभिषेक की शादी खूब धूम धाम से करना चाहते है लेकिन ईश्वर को कुछ और मंजूर था। परिवार वालों को मोनू सिंह यही कहते थे कि अभिषेक की शादी इतनी धूमधाम से करेंगे कि लोग देखेंगे। अब परिवार में उनकी पत्नी व पिता औ मां के अलावा एक बहन है। बताते है कि मोनू के कोई संतान न होने के कारण बहन की बच्चों को ही बेटा और बेटी मानते थे। अभिषेक की मौत के बाद से मोनू सिंह ने भोजन भी ठीक से नहीं करते थे और यहीं कहते थे कि अब किसके लिए जिये। दो बेटों की मौत हो जाने के बाद माता और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
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