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पीड़ित को ठगी की रकम वापस करती पुलिस
पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की साइबर क्राइम सेल ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए हेल्थ इंश्योरेंस के नाम पर ठगे गए 51 लाख रुपये पीड़ित को वापस कराए। यह ठगी एक एपीके फाइल डाउनलोड कराने के बाद की गई थी, जिसके जरिए साइबर अपराधियों ने बैंक खाते से रकम उड़ा ली थी।
हेल्थ इंश्योरेंस की किस्त भुगतान करने के नाम पर की थी ठगी
घटना के अनुसार, पीड़िता अमिता गुप्ता के पति को साइबर ठगों ने फोन कर हेल्थ इंश्योरेंस की किस्त भुगतान या रद्द करने के नाम पर एक प्रक्रिया पूरी करने को कहा। इस प्रक्रिया में उन्हें एक एपीके फाइल डाउनलोड कराई गई, जिससे ओटीपी ऑटो-ट्रांसफर हो गया और उनके बैंक खाते से 51 लाख रुपये निकाल लिए गए।
शिकायत दर्ज कराते ही साइबर क्राइम ने संदिग्ध खातों को किया फ्रीज
पीड़िता द्वारा साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद मामले में त्वरित कार्रवाई की गई। साइबर क्राइम सेल ने संबंधित बैंक व कंपनियों से संपर्क कर संदिग्ध खातों को फ्रीज करवाया। नियमानुसार कार्रवाई करते हुए साइबर ठगों द्वारा निकाली गई पूरी रकम 21 फरवरी 2025 को पीड़िता के खाते में वापस करा दी गई। अपनी धनराशि वापस पाकर पीड़िता व उनके परिजनों ने लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की सराहनीय कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया।
नागरिकों की पुलिस से अपील
लखनऊ पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि व्हाट्सएप, ईमेल या अन्य सोशल मीडिया माध्यमों पर प्राप्त किसी भी एपीके फाइल अथवा संदिग्ध लिंक को न खोलें, अन्यथा वे साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं। साथ ही, सोशल मीडिया और ईमेल अकाउंट की ऑटो-डाउनलोड सेटिंग को डिसेबल करके रखें।रुपये बरामद करने वाली साइबर क्राइम सेल पुलिस टीम में उ.नि. प्रशान्त कुमार वर्मा प्रभारी, साइबर क्राइम सेल, उ.नि. राकेश कुमार मिश्रा, उ.नि. सुमित चौधरी, म.उ.नि. आरती वर्मा, उ.नि. किशोर कुमार, मु.आ. अखिलेश पटेल शामिल रहे।
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