/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/13/SvIfXdDCOLQVkqhYXNUq.jpeg)
सीएम योगी का डीप-फेक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट, भाजपा नेता ने दर्ज कराई एफआईआर Photograph: Social Media
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
सीएम योगी का डीप-फेक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट, भाजपा नेता ने दर्ज कराई एफआईआर Photograph: Social Media
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का एक डीप फेक (Deep Fake) वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस सम्बन्ध में हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस आरोपी की तालश में जुटी है।
हजरतगंज के नरही इलाके में रहने वाले भाजपा नेता राजकुमार तिवारी ने हरजतगंज थाने में प्यारा इस्लाम नाम से फेसबुक चलाने वाले शख्स के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ BNS की धारा 352, 353, 196(1), 299 और IT एक्ट 66 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। भाजपा नेता का कहना है कि इस वीडियो के जरिए मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने और जनता को गुमराह करने की कोशिश की गई है।
डीप फेक वीडियो के जरिए सोशल मीडिया पर भ्रामक सामग्री फैलाने के मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस वीडियो को पोस्ट करने के पीछे किसी बड़े नेटवर्क का हाथ तो नहीं है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इस वीडियो को डीप फेक तकनीक की मदद से एडिट किया गया है। मामले में साइबर सेल की भी मदद ली जा रही है।
डीपफेक शब्द अंग्रेजी के दो शब्दों डीप और फेक से मिलकर बना है। साल 2014 में इयन गुडफ्लो और उनकी टीम ने इस टेक्नोलॉजी को बनाया था। बाद में इसमें बदलाव होते रहे। डीपफेक तकनीक को समझने के लिए डीप लर्निंग और जनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क (GAN) की जानकारी होनी जरूरी है।। इसमें दो नेटवर्क काम करते हैं। इसमे पहला है जनरेटर जो नई छवियां या वीडियो तैयार करता है। दूसरा डिस्क्रिमिनेटर जो असली और नकली के बीच का अंतर बताता है। इन दोनों की मदद से ऐसा सिंथेटिक डेटा तैयार किया जाता है। जो असली से बहुत हद तक मिलता है। इसी को डीप फेक कहा जाता है।
भारत में आईटी एक्ट के तहत लोगों को उनकी प्राइवेसी के लिए सिक्योरिटी दी जाती है। अगर कोई आपका डीपफेक वीडियो या फोटो बिना आपकी इजाजत के बनाता है तो यह कानून का उल्लंघन है। आप इसकी शिकायत कर सकते है। आईटी एक्ट की धारा 66डी के तहत दोषी पाए जाने पर एक लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल हो सकती है।