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दिवाली पर स्वदेशी लाइटों की बढ़ी मांग, 50 रुपए से लेकर 500 तक दाम

विदेशी आत्मनिर्भरता को खत्म करने का संकल्प ले चुके भारतीय अब इस दिवाली अपने घर चाइनीज़ झालरों से नहीं बल्कि स्वदेशी लाइटों से जगमगा रहे है। लखनऊ में स्वदेशी की मांग बढ़ी

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Mohd. Arslan
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लखनऊ की मशहूर लाइट बाज़ार Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

दिवाली का त्योहार पूरे देश में धूम धाम से मनाया जा रहा है। जहां एक ओर मिठाई के बिना दिवाली की मिठास फीकी रहती है तो वहीं बिना रोशनी के इस त्योहार की रौनक भी अधूरी नज़र आती है। धनतेरस से ही लोग अपने घरों को सजाने का सिलसिला शुरू कर देते है वहीं छोटी दिवाली की शाम से घर जगमग हो उठते है। लाईट की बाजारों में रविवि तक बंपर भीड़ दिखी और दोपहर तक खूब खरीदारी हुई।

नाका बाज़ार रही गुलज़ार

लखनऊ की सबसे मशहूर और व्यस्त मानी जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक की नाका बाज़ार पर रविवार को खूब भीड़ उमड़ी रही। लोग अपने घरों को छोटी दिवाली की रात से पहले ही सजाने के लिए खरीदारी करते नज़र आए। इस दौरान Young Bharat ने दुकानदारों और ग्राहकों से बातचीत की।

इस दिवाली रौशनी होगी स्वदेशी वाली

दिवाली के लिए लाइटों की खरीदारी करने आए विजय मौर्य ने कहा कि वह अमौसी एयरपोर्ट के पास से यहां लाइटे खरीदने आए है। उन्होंने कहा कि वैसे तो पहले सस्ती चाइनीज़ लाइटे खरीद लेते थे लेकिन इस बार स्वदेशी यानि मेड इन इंडिया लाईट ले रहे है। दुकानदार राजू ने बताया कि चाइना का माल इंडियन से ज़्यादा मार्किट में आता है। उन्होंने कहा कि सरकार से अपील है कि भारतीय कंपनियों का उत्पाद और मार्केटिंग बढ़ाई जाए जिससे उसका व्यापार भी ज़्यादा हो। नाका पर दुकान लगाए अरविंद ने बताया कि इस बार पच्चास रुपए से लेकर पांच सौ रुपए तक की झालरे और लाईट उपलब्ध है। अरविंद ने कहा कि ग्राहक स्वदशी ही ज़्यादा मांग रहे है हालांकि चाइनीज में वेरायटी ज़्यादा मौजूद है।

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