लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने हाल ही में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लगाए गए जातिगत पोस्टिंग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें अफवाह बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में अधिकारियों की तैनाती पूरी तरह योग्यता, वरिष्ठता और प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर होती है, न कि जाति या किसी अन्य व्यक्तिगत मान्यता के आधार पर।
तबादले और तैनाती में पक्षपात कर रही सरकार
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार अधिकारियों के तबादले और तैनाती में पक्षपात कर रही है, और यह पूरी प्रक्रिया जातिवाद पर आधारित है। प्रदेश के कुछ जिलों का उदाहरण देते हुए कहा कि आगरा जिले में 48 थानों के प्रभारी में से केवल 15 थानों के प्रभारी पीडीए (पिछड़ा, दलित, और अल्पसंख्यक) वर्ग से हैं, जबकि बाकी ठाकुर समुदाय से हैं। मैनपुरी में भी यही स्थिति है, जहां 15 थानों में से केवल तीन थानाध्यक्ष पीडीए वर्ग के हैं, जबकि 10 ठाकुर समुदाय से हैं। इसी तरह चित्रकूट और महोबा जिलों में भी ठाकुर समुदाय के अधिकारियों की संख्या अधिक बताई थी।
तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रहे पेश
DGP प्रशांत कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को ऐसी अफवाहें नहीं फैलानी चाहिए, जिससे समाज में भ्रम और असंतोष की स्थिति पैदा हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिस जैसे अनुशासित बल में तैनाती का एक निश्चित मानक होता है, जिसका पालन पूरी निष्ठा के साथ किया जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं, जिससे यह संदेश देने की कोशिश हो रही है कि पुलिस विभाग में जातिगत आधार पर अधिकारियों की नियुक्ति हो रही है। उन्होंने कहा कि यह सरासर गलत है। हमारा दायित्व है कि हम जनता तक सच्ची और सही जानकारी पहुंचाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में पुलिस अधिकारियों की तैनाती स्थानीय ज़रूरत, कार्य क्षमता और अनुभव को ध्यान में रखते हुए की जाती है। किसी भी प्रकार की जातिगत प्राथमिकता का न तो कोई आधार है और न ही कोई स्थान।
अफवाह फैलाने वालों पर हो सकती है कार्रवाई
DGP प्रशांत कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति या समूह इस प्रकार की झूठी और भ्रामक सूचनाएं फैलाता है, तो उसके विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि वे सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों पर प्रसारित किसी भी जानकारी को बिना पुष्टि के साझा न करें।