लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
लखनऊ के हुसैनाबाद क्षेत्र में विकसित किए जा रहे हेरिटेज जोन के कार्यों की मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने गुरुवार को गहन समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने एलडीए अधिकारियों के साथ मिलकर फ्रेगरेंस पार्क, म्यूजियम ब्लॉक, फूड कोर्ट, लजीज गली, गुलाब पार्क और नींबू पार्क का जायजा लिया और जरूरी निर्देश भी दिए। निरीक्षण की शुरुआत फ्रेगरेंस पार्क से हुई, जहां एक विशेष कैफेटेरिया और इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की जा रही है। यह केंद्र इत्र निर्माण की प्रक्रिया और विभिन्न फूलों की खुशबू से लोगों को रूबरू कराएगा। मंडलायुक्त ने साईनेज, मूर्तियां, प्रकाश व्यवस्था और लैंडस्कैपिंग जैसे कार्यों को प्राथमिकता देते हुए पार्क को शीघ्र आम जनता के लिए खोलने के निर्देश दिए।
सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा म्यूजियम ब्लॉक
हुसैनाबाद म्यूजियम ब्लॉक का दौरा करते हुए मंडलायुक्त ने बताया कि यहां बन रहा टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर एक कैंटीलीवर व्यूपॉइंट से युक्त होगा, जहां से पर्यटक पूरे क्षेत्र को एक साथ देख सकेंगे। उन्होंने निर्माण कार्य एक माह में और आंतरिक सज्जा जैसे साहित्य, कलाकृति व चित्रांकन का कार्य चार माह के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए।
फूड कोर्ट में मिलेगा असली लखनवी स्वाद
फूड कोर्ट में मौजूद विभिन्न फ्रेंचाइज़ियों के निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त ने स्थानीय व्यंजनों को भी प्रमुखता से शामिल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि लखनऊ के शाकाहारी भोजन, मिठाइयों और अन्य पारंपरिक पकवानों को जहां जगह मिलनी चाहिए ताकि पर्यटकों को खास अनुभव मिल सके। लजीज गली के निरीक्षण में मंडलायुक्त ने इस पूरे क्षेत्र को विरासत शैली में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एलडीए की डिज़ाइन कोर टीम द्वारा अनुमोदित नक्शे के अनुसार ही निर्माण कार्य किया जाए।
गुलाब और नींबू पार्कों की होगी कायाकल्प
गुलाब पार्क में फूलों की विविधता और सजावटी रोपाई की योजना पर मंडलायुक्त ने जोर दिया। वहीं नींबू पार्क में बंद पड़े फव्वारों को दुरुस्त करने, खूबसूरत लाइटिंग, बैठने की बेहतर सुविधा और एक हेरिटेज कैफेटेरिया के निर्माण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।
पर्यावरण अनुकूल परिवहन से बढ़ेगा पर्यटन
घंटाघर के पास निर्माणाधीन सामूहिक पार्किंग स्थल का निरीक्षण करते हुए मंडलायुक्त ने बताया कि टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पार्किंग तैयार होने के बाद बड़ा इमामबाड़ा से छोटा इमामबाड़ा तक का क्षेत्र पैदल यात्रियों, ई-रिक्शा और पारंपरिक टांगों के लिए आरक्षित रहेगा। इससे न केवल यातायात व्यवस्था सुधरेगी बल्कि पर्यटकों को भी नया अनुभव मिलेगा।