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यूपी में DNA विवाद ने पकड़ा तूल : Brajesh Pathak का Akhilesh Yadav पर पलटवार, X पर लंबी पोस्ट कर लगाई आरोपों की झड़ी

UP Politic : उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्थिति स्पष्ट करते हुए अखिलेश यादव पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी किसी व्यक्ति विशेष के डीएनए पर नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी के ‘चाल, चरित्र और चेहरे’ पर थी।

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Deepak Yadav
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ब्रजेश पाठक का अखिलेश यादव पर पलटवार Photograph: (YBN)

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) के बीच सोशल मीडिया पर 'डीएनए' को लेकर जुबानी जंग जारी है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) की ओर से सपा के डीएनए को लेकर की गई टिप्पणी के बाद जहां अखिलेश यादव की तीखी प्रतिक्रिया आई। वहीं, अब ब्रजेश पाठक ने स्थिति स्पष्ट करते हुए अखिलेश यादव पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी किसी व्यक्ति विशेष के डीएनए पर नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी के ‘चाल, चरित्र और चेहरे’ पर थी। पाठक ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सपा की राजनीतिक सोच को जातिवाद और तुष्टीकरण पर आधारित बताते हुए तीखा हमला बोला।

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सपा ने दलितों के अधिकार कुचले

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार सुबह इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि सपा के डीएनए की टिप्पणी को किसी व्यक्ति से जोड़ना गलत है। सपा की राजनीति की बुनियाद ही जातिवाद और तुष्टीकरण पर टिकी रही है। मुस्लिम तुष्टीकरण उनकी राजनीति का केन्द्रीय हिस्सा रहा है।' पाठक ने सपा पर दलितों के अधिकारों को कुचलने और समाज को बांटने का भी आरोप लगाया।

मैं व्यक्ति नहीं, पार्टी के DNA की बात कर रहा

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पाठक ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा ने कभी 'सबका साथ, सबका विकास' की नीति नहीं अपनाई और हमेशा वोट बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दी। पाठक ने यह भी दावा किया कि अखिलेश ने मुख्यमंत्री रहते हुए आतंकियों से जुड़े 14 केस वापस लिए, जो सपा के तुष्टीकरण की नीति को दर्शाता है। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि मैं किसी व्यक्ति के डीएनए की बात नहीं कर रहा था केवल समाजवादी पार्टी के डीएनए की बात की जा रही थी।

ऐसे शुरू हुआ डीएनए पर सियासी घमासान

विवाद की शुरुआत तब हुई जब ब्रजेश पाठक ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सपा के डीएनए में खराबी का जिक्र किया था। जिसके बाद में सपा मीडिया सेल ने उनके माता-पिता पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बाद में मुकदमा और आलोचना होने पर पोस्ट डिलीट की गई। अखिलेश यादव ने पाठक को नसीहत दी थी कि वे यदुवंशियों के डीएनए को बुरा भला न कहें।

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