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क्या हेयर डाई कराने से टूट जाता है रोज़ा? जानिए उलमा का जवाब

साल 2001 में शुरू हुई रमज़ान हेल्पलाइन आज भी मुसलमानो के लिए बेहद लाभदायक साबित हो रही है। इसके जरिए रोजेदार दीन और शरीयत से जुड़े सवालों के उलमा से जवाब हासिल कर रहे।

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Mohd. Arslan
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रमजान माह।

रमजान माह।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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रहमतों और बरकतों वाला महीना रमज़ान जारी है। इस महीने लोग रोज़े रखकर खूब अल्लाह की इबादत कर रहे है। रमज़ान के रोजों में सिर्फ भूखा और प्यासा रहना ही नहीं बल्कि कई बुरी चीजों से दूरी भी बनाना होती है। इस्लाम में रोज़े के दौरान किन कामों को करने से मना किया गया है, इसके लिए लोग रमज़ान हेल्पलाइन का सहारा ले रहे है। इन हेल्पलाइन पर मुसलमान संपर्क कर अपने मन के सवालों के दीनी और शरई जवाब हासिल कर रहे। 

2001 में शुरू हुई रमज़ान हेल्पलाइन

इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के तहत् दारूल निजामिया फरंगी महल में रोजेदारों की दीनी और शरअई रहनुमाई के लिए वर्ष 2001 में रमजान हेल्पलाइन आरम्भ किया गया था। इस हेल्प लाइन से लोग फोन और e-mail के जरिए रोजा, नमाज, जकात, ऐतिकाफ और दूसरे सवालात मुल्क और बाहर के मुल्कों से भी करते है। इन सवालात के जवाब मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में उलमा का एक पैनल देता है।

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रोज़ेदार पूछ रहे उलमा से यह सवाल

सवाल: रोजे की हालत में हेयर डाई करवाने से क्या रोज़े पर कुछ असर पड़ेगा?

जवाब : हेयर डाई करवाने से रोज़े पर कुछ असर नही पड़ेगा।

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सवाल: अगर किसी के जिम्मे रमजान के रोजे बाकी थे वह कज़ा न रख सका अब बूढ़ा हो गया, अब रोजा रखने की ताकत न रही, तो क्या वह कजा रोजों का फिद्या दे सकता है?

जवाब : जी हाँ! हिसाब लगाकर हर रोजे का फिद्या दे सकता है।

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सवाल: किसी शख्स को बार बार पेशाब के क्तरे आने का मर्ज है वह इस सूरत में नमाज़ किस तरह अदा करे?

जवाब : हर फर्ज नमाज़ के लिए ताज़ा वुजू करे।

 

सवाल : दिल के रोगियों के लिए एक टिकया आती है जिसको मुँह में रखा जाता है। इससे हार्ट अटैक में बहुत आराम मिलता है। क्या रोजे की हालत में इसका इस्तिमाल सही है?

जवाब : जी हाँ! सही है। इससे रोजे पर कोई असर नही होगा।

 

सवाल: हमारे बड़े भाई ने कस्म खाकर तोड़ दी तो क्या कफ्फारा अदा करना होगा?

जवाब : जी हाँ! कस्म तोडने का कफ्फारा अदा करना होगा और कस्म का कफ्फारा दस गरीबों को दोनों वक्त खाना खिलाना या उन्हें कपडे पहनाना और अगर हैसियत न हो तो तीन दिन बराबर रोजे रखना है।

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