लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
पवित्र महीने रमज़ान के बाद अब सबको ईद के त्यौहार का इंतेज़ार है। रविवार देर शाम देश भर में ईद के चांद को दीदार किया जाएगा, वहीं चांद नज़र आने पर अगले दिन यानी सोमवार को ईद उल फितर का पर्व मनाया जाएगा।
वक्त के साथ बढ़ती गई ईदी की कीमत
ईद के पर्व पर बड़े-बुजुर्ग अपने बच्चों और रिश्तेदारों को ईदी देते है। ईदी में कपड़े, गहने के साथ पैसे देने का भारत और अन्य मुल्कों में चलन है। पुराने ज़माने में एक पैसा और पांच पैसे ही ईदी में दिए जाते थे। वक्त के साथ पांच रुपए से बढ़कर ईदी पच्चास रुपए और 100 रुपए तक हो गई। वहीं अपनी खुशी से कुछ लोग 500 और पांच हज़ार भी अपने सगे रिश्तों को देते है। हालांकि 2025 में वक्त बदलने के साथ ईदी ने भी रूप बदल लिया है। अब लखनऊ में चांदी की ईदी चलन में आ रही है। लोग सर्राफा बाजार से चांदी के नोट खरीद रहे है।
सिल्वर करेंसी बन रही लोगों की पसंद
ईदी के लिए विनोद माहेश्वरी ज्वेलर्स पर पहुंचे इरफान कहते है कि भारत में 2000 रुपए का नोट अब नहीं है लेकिन सिल्वर करेंसी में अभी भी 2000 का नोट मिल जाता है। अपने खास रिश्तेदारों को यह नोट देने पर इसकी ज़्यादा अहमियत होती और वक्त के साथ यह नोट डिवेल्यू नहीं बल्कि इसकी कीमत बढ़ती चली जाती। दुकान के मालिक विनोद माहेश्वरी ने बताया कि इस साल से लोग चांदी करेंसी एक दूसरे को देने के लिए खरीद रहे है। वह कहते है कि ईद का त्यौहार एक खुशियों का त्यौहार है और हर कोई चाहता है कि वह अपने चाहने वाले को खुश करें। ऐसे में महंगे गिफ्ट्स के साथ ही सिल्वर करेंसी एक अच्छा ऑप्शन है।