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मुख्य निर्वाचन अधिकारी Photograph: (YBN)
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के प्राविधानों के अंतर्गत पंजीकृत उत्तर प्रदेश राज्य के 121 पंजीकृत राजनैतिक दलों द्वारा वर्ष 2019 से वर्ष 2024 (06 वर्षों) के मध्य में आयोग द्वारा आयोजित किसी भी निर्वाचन में भाग न लेने वाले दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दिए गए। जिसपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा राजनैतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
21 अगस्त तक पक्ष रखने का मौका
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि कारण बताओ नोटिस के सम्बंध में दल के अध्यक्ष/महासचिव अपना प्रत्यावेदन, शपथ पत्र एवं सुसंगत अभिलेखों सहित 21 अगस्त, 2025 तक मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय को प्राप्त करा सकते हैं और सुनवाई के लिए नियत तिथियों यानि 2 और 3 सितम्बर 2025 को मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष कार्यालय समय में उपस्थित हो कर व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष रख सकते हैं।
राजनैतिक दलों की सूची से हट जायेगा नाम
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि यदि दल की ओर से कारण बताओ नोटिस के सम्बन्ध में निर्धारित तिथि के भीतर प्रत्यावेदन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो यह माना जायेगा कि राजनैतिक दल को इस मामले में कुछ नहीं कहना है और संबंधित दल को राजनैतिक दलों की सूची से हटाये जाने के सम्बंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से संस्तुति सहित प्रस्ताव भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित कर दिया जायेगा।
डाक द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस
आयोग द्वारा चिन्हित राजनैतिक दलों को मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है, जो दल के पंजीकृत पते पर रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजा गया है। इसके पूर्व भारत निर्वाचन आयोग ने अपने आदेश में उत्तर प्रदेश राज्य के पते पर स्थित 115 पंजीकृत राजनैतिक दलों को पंजीकृत सूची से हटा दिया है। ऐसे दल जिनका नाम सूची से हटाया गया है, आदेश की तिथि से 30 दिन के भीतर अपना पक्ष भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं।