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UP में बिजली कर्मचारियों को निजीकरण का विरोध पड़ेगा भारी, UPPCL ने पुलिस-प्रशासन को कार्रवाई के लिए भेजा पत्र

Electricity Privatisation : प्रबंध निदेशक पंकज कुमार की आर से शनिवार को जारी पत्र में कहा गया कि सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र के निगमों में छह महीने तक हड़ताल करने पर रोक लगाई है। ऐसे में कार्य बहिष्कार, प्रदर्शन और हड़ताल अनुचित और अवैधानिक है।

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Deepak Yadav
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UPPCL

बिजली कर्मचारियों को निजीकरण का विरोध पड़ेगा भारी Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी के बिजली कर्मचारियों को पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के निजीकरण (pvvnl-dvvnl Privatisation) का विरोध करना भारी पड़ेगा। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने पुलिस और प्रशासन को पत्र भेजकर सरकार के आदेश का हवाला देते हुए आंदोलन करने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

संयुक्त संघर्ष समिति के आंदोलन के मद्देनजर उठाया कदम

प्रबंध निदेशक पंकज कुमार की ओर से शनिवार को जारी पत्र में कहा गया कि सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र के निगमों में छह महीने तक हड़ताल करने पर रोक लगाई है। ऐसे में कार्य बहिष्कार, प्रदर्शन और हड़ताल करना अनुचित और अवैधानिक है। उन्होंने बताया कि​ सरकार के आदेश के बाद भी बिजली निजीकरण (electricity privatisation) के खिलाफ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के जारी आंदोलन के मद्देनजर यह फैसला किया गया है। 

सभी मंडलायुक्त, डीएम को भेजा पत्र

प्रबंध निदेशक ने मंडलायुक्त, डीएम और पुलिस अधिकारियों पत्र में बताया कि संघर्ष समिति की ओर से 30 अप्रैल तक सभी जनपदों और परियोजनाओं में प्रतिदिन शाम पांच बजे विरोध सभाएं, एक मई को सभी जनपदों, परियोजनाओं और लखनऊ में शाम पांच बजे मशाल जुलूस निकाला जाएगा।

संघर्ष समिति कर रही आदेश का उल्लंघन 

इसके अतिरिक्त दो से नौ मई तक मुख्यालय पर शांतिपूर्ण धरना, 14 मई से 19 मई तक प्रदेश भर में आंदोलन और विरोध सभाएं, 21 मई से 28 मई तक विभिन्न कार्यालयों और परियोजना स्थलों पर दो घंटे तक कार्य बहिष्कार, 29 मई को अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रस्तावित है। ऐसे में हड़ताल और विरोध प्रदर्शन सरकार के आदेश का उल्लंघन और अनुशासनहीनता है। उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति के प्रदेश भर में प्रस्तावित आंदोलन को संज्ञान में लेते हुए जरूरी कार्रवाई की जाए। ताकि आम नागरिक और उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो।

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