लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में बिजली के निजीकरण (electricity privatization) का मसौदा तैयार करने के लिए नियुक्त सलाहकार कंपनी ग्रांट थार्नटन भारत (Grant Thornton Bharat) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। झूठा शपथ पत्र देने के मामले में कंपनी पर कानूनी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने कंपनी को बचाने से किनारा करते हुए टेंडर मूल्यांकन कमेटी की बैठक बुलाई है। साथ ही कानूनी सलाह के लिए फाइल आगे भेज दी। वहीं, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
कार्रवाई के लिए कानूनी सलाह
यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद (UPRVUP) के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा (Avadhesh Kumar Verma) ने इस मामले में पावर कॉरपोरेशन के निदेशक (वित्त) निधि कुमार नारंग से बात की। निदेशक ने बताया कि टेंडर मूल्यांकन कमेटी की बैठक बुलाई जा रही है। पूरे मामले को कमेटी के सभी सदस्यों के सामने रखा जाएगा। इस मालमे में कानूनी सलाह ली जा रही है। जल्द ही इस पर अंतिम फैसला किया जाएगा। परिषद अध्यक्ष ने नव नियुक्त निदेशक कमर्शियल प्रशांत वर्मा से भी सलाहकार कंपनी को काली सूची में डालकर उसके काम पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।
दोषी अधिकारी भी नपेंगे
अवधेश वर्मा ने कहा कि कंपनी को बचाने वाले अधिकारी भी आने वाले समय में फंसेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार ऐसा हो रहा कि झूठा शपथ पत्र सामने आने के बाद भी टेंडर मूल्यांकन कमेटी चुपचाप तमाश देख रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में जो भी दोषी होगा, वह बचने वाला नहीं है।