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उद्योगपति के दवाब में सलाहकार कंपनी पर नहीं हो रही कार्रवाई Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रदेश में बिजली के निजीकरण का प्रस्ताव तैयार कर रही सलाहकार कंपनी ग्रांट थार्नटन के खिलाफ झूठा शपथ देने के मामले में 15 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है। तीन बार स्पष्टीकरण मांगने के बाद कंपनी से फिर सप्लीमेंट्री जवाब मांगा गया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। परिषद का आरोप है कि सलाहकार कंपनी को बचाने के लिए उसकी फाइल को उच्च स्तर पर दबा दिया गया है। इसके पीछे एक उद्योगपति का हाथ है। इसके पुख्ता सबूत भी हैं।
निदेशक स्तर पर दबाई गई कंपनी की फाइल
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रांट थार्नटन की फाइल को नए निदेशक वाणिज्य के स्तर पर दबा दिया गया है। एक बड़ा निजी घराना कंपनी को बचाने का प्रयास कर रहा है। परिषद के पास इसके पुख्ता सबूत मौजूद हैं। वर्मा ने कहा कि जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष के पास ऐसे मामलों में अंतिम करने का अधिकार है, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है। आज टेंडर मूल्यांकन कमेटी के अध्यक्ष निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग से शिकायत करने के बाद कंपनी से एक बार फिर सप्लीमेंट्री जवाब मांगा गया है।
बड़े निजी घराने के दबाव में कार्रवाई रुकी
अवधेश वर्मा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए परिषद अदालत का दरवाजा भी खटखटाएगी। उन्होंने कहा कि झूठा शपथ देने वाली कंपनी 42 जनपदों के निजीकरण की रिपोर्ट तैयार कर रही है। उसे उपभोक्ता परिषद लागू नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि विद्युत नियामक आयोग, पावर कारपोरेशन प्रबंधन के सामने कंपनी के झूठ का पर्दाफाश होने पर भी कार्रवाई इसलिए नहीं की जा रही है क्योंकि उसके पीछेब बड़ा निजी घराना कम कर रहा है।