लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। यूपी में बिजली कार्मिकों के विरोध के बावजूद राज्य सरकार ने 42 जनपदों की बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है। एनर्जी टास्क फोर्स (इम्पावर्ड कमेटी) से निजीकरण के बिडिंग डॉक्यूमेंट मसौदे को मंजूरी के विरोध में कर्मचारी शनिवार यानी आज दोपहर प्रदर्शन करेंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर कर्मचारी अपने-अपने कार्यालय के बाहर एकजुट होकर विरोध दर्ज करायेंगे।
झूठे आंकड़ों के सहारे हो रहा निजीकरण
संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन झूठे आंकड़ों के सहारे निजीकरण को अंजाम देना चाहता है। इस झूठ का विरोध करने के लिए समिति के सदस्यों को सबसे पहले कर्मचारियों और अभियंताओं के बीच जाकर सच्चाई रखना जरूरी है। उन्हें स्पष्ट आंकड़ों और निजीकरण के बाद आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी देना जरूरी है। ताकि वे सही स्थिति को समझ सकें और एकजुट होकर विरोध कर सकें।
पलायन नहीं, प्रतिकार का समय
समिति का कहना है कि शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर छुपा लेने से तूफान नहीं रुकता। इसलिए हमें इस पलायनवादी मनोवृत्ति से ऊपर उठकर रणभूमि में उतरना होगा। एनर्जी टास्क फोर्स और पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने कर्मचारियों की सेवा शर्तों को लेकर जो बातें रखी हैं, उनका सही और स्पष्ट जवाब तैयार करके कर्मचारियों और अभियंताओं के बीच जाना अब बहुत जरूरी हो गया है।
भोजनावकाश में आधे घंटे का विरोध
एनर्जी टास्क फोर्स के फैसले के बाद अब हमें एकजुट होकर पूरी ताकत ताकत के साथ बहुत ही सशक्त अभियान चलाना होगा। आज लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में सभी कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियंता दोपहर 1:30 बजे भोजनावकाश के समय अपने-अपने कार्यालयों और कार्यस्थलों से बाहर निकलकर निजीकरण के खिलाफ एकजुटता दिखाएं। यह विरोध केवल आधे घंटे का होगा, लेकिन इसका संदेश मजबूत होना चाहिए।
इम्पावर्ड कमेटी ने दी हरी झंडी
पदाधिकारियों के मुताबिक, एनर्जी टास्क फोर्स इम्पावर्ड कमेटी ने पावर कॉरपोरेशन ने निजीकरण संबंधी बिडिंग दस्तावेज को मंजूरी दे दी। इसे झूठा शपथ देने वाली सलाहकार कंपनी ने तैयार किया था। एनर्जी टास्क फोर्स ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन को निजीकरण की पूरी कार्यवाही के लिए अधिकृत कर दिया है। निजीकरण के विरोध में चल रहे अभियान में विगत छह महीनों में यह सबसे गंभीर मोड है।