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केबिनेट बैठक
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसला लिया गया। बैठक में 'उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन' के गठन को हरी झंडी दी गई। यह मिशन न सिर्फ प्रदेश के युवाओं को देश में, बल्कि विदेशों में भी नौकरियों से जोड़ने का माध्यम बनेगा और वह भी सीधे राज्य सरकार के माध्यम से।
बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कुल 30 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। इसमें ‘रोजगार मिशन’ का गठन एक ऐतिहासिक पहल है जो प्रदेश को ग्लोबल एचआर हब के रूप में विकसित करने में अहम भूमिका निभाएगा। यह मिशन सरकार के वादे "हर हाथ को काम, हर हुनर को सम्मान" की दिशा में एक ठोस कदम है।
राज्य सरकार दिलाएगी देश-विदेश में नौकरियां
श्रम मंत्री अनिल राजभर ने जानकारी दी कि अब तक रोजगार विभाग की भूमिका केवल सेवायोजन मेलों तक सीमित थी, लेकिन अब सरकार सीधे देश और विदेशों में रोजगार दिलाने की व्यवस्था करेगी। इस मिशन के तहत एक साल में देश में 1 लाख और विदेशों में 25 से 30 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि अब विदेशों में रोजगार के लिए सरकार को निजी रिक्रूटिंग एजेंट्स पर निर्भर नहीं रहना होगा। सरकार स्वयं रिक्रूटिंग एजेंसी का लाइसेंस प्राप्त कर सकेगी, जिससे सीधे विदेशों में नियुक्तियां की जा सकेंगी। खास तौर पर पैरामेडिकल, नर्सिंग, ड्राइवर और कुशल श्रमिकों की अंतरराष्ट्रीय मांग को देखते हुए यह कदम अहम है।
मिशन की मुख्य गतिविधियां होंगी
देश-विदेश में रोजगार की मांग का विश्लेषण
नामी कंपनियों से संपर्क और मांग प्राप्त करना
युवाओं के कौशल की पहचान और प्रशिक्षण
भाषा और विदेश जाने से पूर्व आवश्यक मार्गदर्शन
करियर काउंसलिंग और कैंपस प्लेसमेंट
नौकरी के बाद सहयोग और ट्रैकिंग सेवा
संस्थागत ढांचा
यह मिशन सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत एक स्वायत्त संस्था के रूप में पंजीकृत होगा। इसके लिए पांच स्तर की इकाइयाँ बनाई जाएंगी:
शासी परिषद
राज्य संचालन समिति
राज्य कार्यकारिणी समिति
कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (SPMU)
जिला कार्यकारिणी समिति
महिलाओं को उद्योगों में कार्य की अनुमति
महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी योगी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब महिलाएं, विशेष शर्तों के साथ, देश में निर्धारित सभी 29 खतरनाक उद्योगों में कार्य कर सकेंगी। पहले केवल 12 उद्योगों में महिलाओं को काम करने की इजाजत थी, जिसे अब बढ़ाकर सभी पर लागू किया गया है। श्रम मंत्री ने बताया कि यह फैसला तकनीकी जरूरतों और औद्योगिक मांग को देखते हुए लिया गया है, जिसमें महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
लखनऊ को पूर्वांचल से जोड़ेगा नया लिंक
कैबिनेट बैठक में एक और बड़ी परियोजना को मंजूरी मिली है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले 49.96 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को स्वीकृति दी गई। यह छह लेन का एक्सप्रेसवे होगा, जिसे आगे चलकर आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा। इसका निर्माण ईपीसी मॉडल पर होगा और इसमें लगभग 4775 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
यह लिंक राजधानी लखनऊ से प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर जैसे शहरों को जोड़ने में सहायक बनेगा। साथ ही राजधानी में ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा और यात्रा का समय घटेगा। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने बताया कि इस लिंक से प्रदेश के सभी प्रमुख एक्सप्रेसवे आपस में जुड़कर एक एकीकृत एक्सप्रेसवे ग्रिड बनाएंगे, जिससे हर कोने तक तीव्र, सुरक्षित और निर्बाध आवागमन संभव हो सकेगा।