लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
मशहूर 'शाहबानो केस' पर आधारित फिल्म की शूटिंग इन दिनों अदब के शहर लखनऊ में चल रही है। इस फिल्म में बॉवीवुड अभिनेता इमरान हाशमी के साथ एक्ट्रेस यामी गौतम भी नजर आएंगीं। ये फिल्म काफी चर्चा में हैं। सोमवार को फिल्म के कलाकार और प्रोडक्शन से जुड़े लोगों ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) से मुलाकात की। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने फिल्म की पूरी स्टार कास्ट को यूपी में सिनेमा बनाने लिए आमंत्रित करते हुए हर हर संभव मदद किये जाने को लेकर आश्वस्त किया।
फिल्म बन्धु देगा एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म निर्माण के क्षेत्र में यूपी नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर प्रदेश फिल्म बन्धु का गठन किया गया है। जो फिल्म निर्माण से संबंधित सभी सुविधाओं को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराती है। यह एजेंसी राज्य को फिल्म निर्माण के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए काम करती है। जिसमें सब्सिडी, वित्तीय प्रोत्साहन और अन्य सहायता शामिल हैं। इस अवसर पर फिल्म निर्देशक, सुपर्ण एस वर्मा, निर्माता जूही मेहता, निर्माता विशाल गुरुनानी, सह निर्माता रमेश यादव, दानिश कुरेशी, राजेश चोपड़ा उपस्थित रहे।
शाह बानो के पति का रोल निभाएंगे इमरान
इमरान और यामी की आने वाली फिल्म एक कोर्ट रूम ड्रामा होने वाली है। फिल्म की कहानी मशहूर शाह बानो केस पर आधारित है। फिल्म में इमरान शाह बानो के पति का रोल निभाएंगे। शाह बानो के पति एक अमीर और जाने-माने वकील हैं, जिनके मामले पर रुख ने राजनीतिक और कानूनी बहस को हवा दी थी। यामी गौतम प्रसिद्ध शाह बानो मामले पर आधारित फिल्म एक गहन कोर्टरूम ड्रामा में इमरान हाशमी के साथ भिड़ेंगी। फिल्म का का निर्देशन सुपर्ण वर्मा कर रहे हैं। इन्होंने 'द फैमिली मैन 2', राणा नायडू और द ट्रायल जैसी वेब सीरीज़ का निर्देशन किया है। इसकी स्क्रिप्ट रेशू नाथ ने लिखी है। जो इलीगल और हीरा मंडी में अपने काम के लिए जानी जाती हैं।
शाह बानो केस आज भी एक नजीर
मध्या प्रदेश के इंदौर की रहने वाली शाह बानो को उनके पति मोहम्मद अहमद ने 1978 में 62 साल की उम्र में तलाक देकर घर से निकाल दिया। शाह बानो के पांच बच्चे थे। उन्होंने गुजारा भत्ता (maintenance) पाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। यह मामला 1981 में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। मोहम्मद अहमद का तर्क था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत तलाकशुदा पत्नी को गुजारा भत्ता देने के लिए बाध्य नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो को गुजारा भत्ता देने के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। इस केस को आज भी एक नजीर माना जाता है।