लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ जोनल कार्यालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार को मेसर्स कल्पतरु ग्रुप कंपनियों और संबंधित संस्थाओं की 6.17 करोड़ रुपये (अनुमानित) मूल्य की तीन अचल संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत कुर्क कर लिया है। ये संपत्तियां अहमदाबाद (गुजरात) और कन्नौज (उत्तर प्रदेश) में स्थित हैं।
681 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला
ईडी ने कल्पतरु ग्रुप और उससे जुड़ी संस्थाओं पर जालसाजी, धोखाधड़ी और धन गबन से जुड़े कई मामलों की जांच के लिए कार्रवाई की। जांच में सामने आया कि मेसर्स केबीसीएल (कल्पतरु बिल्डटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड) और इसके निदेशकों,एजेंटों,प्रबंधकों ने निवेश और आवासीय, व्यावसायिक भूखंडों के आवंटन के नाम पर 2.5 लाख निवेशकों से 681 करोड़ रुपये हड़प लिए। कल्पतरु ग्रुप ने बाद में न तो परिपक्वता राशि लौटाई गई और न ही भूखंडों का आवंटन किया गया।
पहले भी हो चुकी है संपत्ति कुर्क
जांच के दौरान ईडी ने पहले ही 113 करोड़ रुपये मूल्य की 440 अचल संपत्तियां कुर्क कर ली थीं। इसके अलावा, 13 सितंबर 2024 को ईडी ने जय किशन सिंह राणा और उनके 29 अन्य सहयोगियों सहित 20 कल्पतरु ग्रुप कंपनियों के खिलाफ माननीय विशेष न्यायालय (PMLA), गाजियाबाद में अभियोजन शिकायत (PC) दायर की थी, जिसका 3 अक्टूबर 2024 को संज्ञान लिया गया।
ईडी की जांच जारी
ईडी की जांच से यह भी स्पष्ट हुआ कि कल्पतरु समूह ने निवेशकों से मिली राशि का उपयोग संपत्तियां खरीदने और अन्य कंपनियों में निवेश करने में किया। ईडी द्वारा की गई यह कार्रवाई धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मामले की जांच अभी भी जारी है और आगे और भी संपत्तियों पर कार्रवाई हो सकती है।