लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। राजधानी लखनऊ में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के आह्वान पर प्रदेश भर से आए हजारों किसानों ने गन्ना भुगतान में देरी, चकबंदी में भ्रष्टाचार और खनन संबंधी समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने खनन निदेशालय, चकबंदी आयोग और गन्ना एवं चीनी आयुक्त कार्यालय का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल किसान अपने साथ हुक्का, पानी, राशन और मच्छरदानी लेकर आए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि वे लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं। गन्ना संस्थान समेत कई मुख्यालयों के बाहर किसानों का जमावड़ा देखने को मिला।
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दिगंबर सिंह ने कहा कि सरकार किसानों को लगातार गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा की हर साल सिर्फ आश्वासन मिलता है कि अगले वर्ष भुगतान हो जाएगा, लेकिन जमीनी हालात नहीं बदलते। प्रदेश भर में किसान बकाया भुगतान न मिलने से परेशान हैं। अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य की अधिकांश चीनी मिलें किसानों का भुगतान समय पर नहीं कर रही हैं और जब भी सवाल उठता है, तो आयुक्त की तरफ से टालने वाला जवाब मिलता है।
चकबंदी में भ्रष्टाचार जमीनों पर कब्जा
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने चकबंदी विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। किसानों ने कहा कि विभाग में पहले चोरी होती थी,अब खुलेआम डकैती हो रही है। पिछले कई दशकों से किसान न्याय की उम्मीद में भटक रहे हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं।
कर्ज में डूबे किसान के लिए इलाज और शिक्षा भी महंगी
मुरादाबाद से आए किसान नेता महेंद्र ने कहा कि गन्ना खेती अब घाटे का सौदा बन चुकी है। उन्होंने कहा की लागत लगातार बढ़ रही है, लेकिन पेमेंट नहीं मिल रहा। सरकार से पूछना चाहता हूं क्या हमारी बीमारी का मुफ्त इलाज होगा? क्या बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलेगी? क्या बिना पैसे के बेटियों की शादी हो जाएगी? अगर नहीं, तो हमारा बकाया क्यों नहीं दिया जा रहा?
लखनऊ से टलने का इरादा नहीं
किसानों ने ऐलान किया कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं होता, वे राजधानी से हटने वाले नहीं हैं। एक किसान नेता ने कहा की हम इलाज करने आए हैं। सरकार की व्यवस्था बीमार हो चुकी है, और हम किसान इसे ठीक करने का संकल्प लेकर आए हैं। अगर ज़रूरत पड़ी तो और किसानों को लखनऊ बुलाया जाएगा।