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Engineer murder case : पूर्व बसपा विधायक शेखर तिवारी की समय से पहले नहीं होगी रिहाई, जानिये क्यों

पूर्व बसपा विधायक शेखर तिवारी को अभी जेल में ही गुजारनी होगी रात। चूंकि राज्यपाल ने उनकी समयपूर्व रिहाई की याचिका को नामंजूर कर दिया है। जिसके बाद शासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है।

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Abhishek Mishra
Former idealist Shekhar Tiwari

पूर्व बसपा विधायक शेखर तिवारी की रिहाई याचिका नामंजूर Photograph: (Social Media)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

पूर्व बसपा विधायक शेखर तिवारी को अभी जेल में ही गुजारनी होगी रात। चूंकि राज्यपाल ने उनकी समयपूर्व रिहाई की याचिका को नामंजूर कर दिया है। जिसके बाद शासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है। पूर्व विधायक के अलावा घटना में शामिल उसके साथी देवेंद्र राजपूत और रामबाबू की याचिका भी नामंजूर हो गई है। यह शेखर तिरवारी के लिए बड़ा झटका है।

इंजीनियर हत्या कांड में काट रहे उम्र कैद की सजा 

लखनऊ के बहुचर्चित इंजीनियर मनोज कुमार गुप्ता हत्याकांड में पूर्व बसपा विधायक उम्रकैद की सजा काट रहे है। 24 दिसंबर 2008 को औरैया के तत्कालीन बसपा विधायक शेखर तिवारी ने अपने नौ अन्य साथियों के साथ मिलकर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार गुप्ता का अपहरण करने के बाद उनकी पीटकर हत्या कर दी थी। 

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कोर्ट ने  6 मई 2011 को सुनाई थी सजा 

जिसके बाद राजधानी की अदालत ने उन्हें 6 मई 2011 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।वहीं हाईकोर्ट ने 23 फरवरी 2015 के अपने आदेश में निचली अदालत के फैसले को यथावत रखा था। शेखर तिवारी की ओर से 23 फरवरी 2024 तक करीब 15 वर्ष की सजा काटी जा चुकी थी। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बंदियों को रिहा करने की प्रक्रिया के तहत शेखर तिवारी के बारे में औरैया के जिला प्रोबेशन अधिकारी, एसपी और जिला मजिस्ट्रेट से शासन ने आख्या मांगी गई थी, जिसमें उनकी रिहाई की संस्तुति नहीं की गई है। 

पत्नी को दो साल की हुई थी सजा 

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प्रोबेशन बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अवैध वसूली एवं बिल का भुगतान नहीं करने की रंजिश को लेकर शेखर तिवारी ने अपने साथियों के साथ इंजीनियर की पीटकर हत्या करने का जघन्य अपराध किया था। अपराध की गंभीरता को देखते हुए उनकी रिहाई की संस्तुति नहीं की जा सकती है। शेखर तिवारी के साथ उनकी पत्नी को भी सुबूत नष्ट करने के आरोप में दो वर्ष की सजा हुई थी। इस मामले में दिबियापुर थाने के तत्कालीन निरीक्षक होशियार सिंह को भी आरोपी बनाया गया था। चर्चा यह भी थी कि तत्कालीन सीएम मायावती के जन्मदिन समारोह का चंदा नहीं देने की वजह से इंजीनियर को बंधक बनाकर पीटा गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।बता दें कि शेखर तिवारी बहुजन समाज पार्टी के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो वर्तमान में हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं । वे 1997 में उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में दिबियापुर नगर पंचायत के अध्यक्ष चुने गए थे।

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