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ईडी ने पूर्व विधायक विधायक विनय शंकर तिवारी को किया गिरफ्तार
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और दिवंगत कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ ही उनकी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड के निदेशक अजीत पांडेय को भी हिरासत में लिया गया है। ईडी की टीम ने तड़के सुबह ही लखनऊ, गोरखपुर, नोएडा और मुंबई समेत देशभर में करीब 10 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की। इस समन्वित कार्रवाई के दौरान साक्ष्य इकट्ठा किए गए और पहले से तैयार चार्जशीट को अंतिम रूप दिया गया, जिसे अब अदालत में प्रस्तुत किया जाना है।
1129 करोड़ की क्रेडिट, 754 करोड़ की चपत
ईडी की जांच में सामने आया कि गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में बने सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाएं प्राप्त की थीं। आरोप है कि यह राशि अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दी गई और बैंकों को 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस घोटाले में प्रमोटर, निदेशक और गारंटर शामिल थे। जब बैंकों ने भुगतान वापस मांगा, तो कंपनी ने चुप्पी साध ली, जिसके बाद बैंकों की शिकायत पर सीबीआई ने केस दर्ज किया और ईडी ने प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर जांच शुरू की।
27 संपत्तियां जब्त, 72 करोड़ की कीमत
इससे पहले नवंबर 2023 में ईडी ने विनय तिवारी की 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया था। इनमें गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियां शामिल थीं, जिनमें कृषि भूमि, व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स, आवासीय भूखंड और घर शामिल हैं। ईडी के अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (PMLA) के तहत की गई थी और आगे भी पूछताछ और संपत्तियों की कुर्की जारी रहेगी।
सियासी गलियारों में हलचल
विनय तिवारी की गिरफ्तारी से पूर्वांचल की सियासत में हलचल मच गई है। तिवारी परिवार का गोरखपुर और आसपास के इलाकों में खासा राजनीतिक प्रभाव रहा है। अब देखना होगा कि यह गिरफ्तारी सपा की आगामी रणनीति पर क्या असर डालती है।