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Lucknow University कैंटीन में FSDA का छापा, बिना लाइसेंस परोसा जा रहा था खाना, जांच के लिए भेजे गए नमूने

सहायक आयुक्त (खाद्य) विजय प्रताप सिंह के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने सुभाष छात्रावास कैंटीन से सरसों का तेल, बेसन, पकी दाल और धनिया पाउडर के नमूने जांच के लिए भेजे।

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Abhishek Mishra
FSDA raids Lucknow University canteen

लखनऊ विश्वविद्यालय कैंटीन में FSDA का छापा

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के कैंपस में शनिवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने छापेमारी की। सुभाष छात्रावास और जानकीपुरम स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर विधि महिला छात्रावास की कैंटीनों में बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से खाद्य कारोबार चलता मिला। अधिकारियों ने मौके से खाद्य पदार्थों के नमूने लिए और संचालकों को तत्काल कैंटीन बंद करने का निर्देश दिया।

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जांच के लिए भेजे गए नमूने

सहायक आयुक्त (खाद्य) विजय प्रताप सिंह के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने सुभाष छात्रावास कैंटीन से सरसों का तेल, बेसन, पकी दाल और धनिया पाउडर के नमूने जांच के लिए भेजे। वहीं, जानकीपुरम कैंपस से रिफाइंड सोयाबीन तेल और हल्दी पाउडर के सैंपल लिए गए। छापेमारी के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह, अवनीश कुमार सिंह, राकेश कुमार और पल्लवी यादव भी मौजूद रहे। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से प्रो. नीरज मिश्रा और प्रो. एसपी कनौजिया ने टीम का सहयोग किया।

बूंदी फैक्ट्री में भी सड़ा माल बरामद

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इसी दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग की एक अन्य टीम ने आलमबाग के कैलासपुरी स्थित सोनू शर्मा बूंदी ट्रेडर पर छापा मारा। यहां भी बिना लाइसेंस खाद्य उत्पादन हो रहा था। निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि घुनी हुई चने की दाल से बेसन तैयार कर बूंदी बनाई जा रही थी। मौके से बूंदी, बेसन, दाल, रिफाइंड तेल और मैदा समेत छह खाद्य उत्पादों के नमूने जांच के लिए लिए गए।

खराब खाद्य सामग्री सील

टीम ने 590 किलो से ज्यादा खराब खाद्य सामग्री सील की, जिसकी कीमत करीब 64,984 रुपये आंकी गई। जब्त सामान में दो क्विंटल बूंदी, 118 किलो दाल, दो क्विंटल बेसन, 60 लीटर रिफाइंड तेल और 15 किलो मैदा शामिल है। इस कार्रवाई का नेतृत्व मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेपी सिंह ने किया, जिसमें रत्नाकर पांडेय, कमल कुमार, हेमंत कुमार, देवेश सिंह और सत्यवीर सिंह शामिल रहे। अधिकारियों ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी कारोबारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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