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गोमती रिवर फ्रंट फिर होगा गुलजार: 11 करोड़ की लागत से होगा सौंदर्यीकरण, CBI से मिली हरी झंडी

गोमती रिवर फ्रंट परियोजना को एक बार फिर शुरू करने की मंजूरी मिल गई है, जो सीबीआई जांच के कारण वर्षों से रुकी हुई थी। आवास विकास परिषद ने 11 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं

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Abhishek Mishra
Gomti Riverfront

गोमती रिवर फ्रंट

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लंबे समय से ठप पड़ी गोमती रिवर फ्रंट परियोजना एक बार फिर रफ्तार पकड़ने जा रही है। सीबीआई जांच के कारण अधर में लटके सौंदर्यीकरण कार्य को दोबारा शुरू करने की स्वीकृति मिल गई है। अब मरीन ड्राइव स्थित एसपी ऑफिस से लेकर पिपरा घाट तक का किनारा फिर से संवारा जाएगा।

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आवास विकास परिषद ने अवस्थापना निधि से लगभग 11 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इस राशि का उपयोग आधारभूत ढांचा विकसित करने में किया जाएगा, जबकि रिवर फ्रंट को नया रूप देने की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौंपी गई है।

पार्क में होंगे बच्चों के झूले

इस परियोजना के तहत लगभग एक किलोमीटर के क्षेत्र में एक बहुउपयोगी सार्वजनिक पार्क का निर्माण प्रस्तावित है। पार्क में बच्चों के लिए आधुनिक झूले और खेल उपकरण, जबकि बड़ों के लिए विश्राम व मनोरंजन की विशेष व्यवस्थाएं होंगी। साथ ही, यहां सिंथेटिक जॉगिंग ट्रैक, टहलने के लिए वॉकिंग पाथ और खूबसूरत फूड कोर्ट भी बनाए जाएंगे। यह स्थान लखनऊ के निवासियों के लिए एक नया आकर्षक पिकनिक डेस्टिनेशन बन सकता है।

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सुरक्षा इंतजाम भी होंगे मजबूत

फिलहाल कई जगहों पर गोमती नदी के किनारों पर रेलिंग नहीं होने से लोगों के गिरने का खतरा बना रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब पूरे क्षेत्र में कलात्मक और मजबूत रेलिंग लगाने की योजना तैयार की गई है, जिससे न केवल सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि सौंदर्य भी बढ़ेगा।

फाउंटेन को नहीं मिली इजाजत

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रिवर फ्रंट के लिए 2016 में मंगाया गया म्यूजिकल फाउंटेन अब भी कंटेनरों में बंद पड़ा है। सीबीआई जांच शुरू होने के बाद 2017 में इस पर रोक लग गई थी। मौजूदा स्थिति में भी सीबीआई ने इसकी स्थापना की मंजूरी नहीं दी है। लंबे समय तक उपयोग न होने के कारण इसकी तकनीकी हालत भी खराब हो चुकी है।

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