लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
केंद्र और राज्य सरकारें स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बायो-फ्यूल को प्राथमिकता दे रही हैं। इसी दिशा में, एथेनॉल एक प्रमुख ईंधन विकल्प बनकर उभर रहा है। प्रदेश सरकार की प्रभावी नीतियों के चलते, राज्य अब देश का अग्रणी एथेनॉल उत्पादक बन चुका है। इस क्रम में गोरखपुर भी अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है। जल्द ही जिले में एक बड़े एथेनॉल प्लांट का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों होगा, जबकि दो अन्य प्लांट भी जल्द ही संचालन में आ जाएंगे। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश एथेनॉल उत्पादन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित होंगे।
ग्रीन एनर्जी के हब के रूप में गोरखपुर का विकास
गोरखपुर को स्वच्छ ऊर्जा के नए केंद्र के रूप में विकसित करने के तहत, राज्य सरकार की निवेश प्रोत्साहन नीतियों से प्रेरित होकर गीडा (गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) के सेक्टर 26 में एक बड़े निजी एथेनॉल प्लांट का निर्माण पूरा हो चुका है। केयान डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित यह परियोजना लगभग 1,200 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार की गई है। इसका शिलान्यास 12 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री ने किया था और अब 6 अप्रैल को उद्घाटन प्रस्तावित है।
चार हजार से अधिक लोगों को रोजगार
कंपनी के प्रबंध निदेशक विनय सिंह के अनुसार यह प्लांट चावल और मक्का से एथेनॉल का उत्पादन कर रहा है। पहले चरण में प्रतिदिन 3 लाख लीटर एथेनॉल का उत्पादन हो रहा है, जिसे तीन चरणों में विस्तार करके 10 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जाएगा। इंडियन ऑयल के साथ इस परियोजना के लिए पहले ही करार हो चुका है। इस प्लांट से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से चार हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
पिपराइच चीनी मिल में भी होगा एथेनॉल उत्पादन
राज्य सरकार पिपराइच स्थित चीनी मिल में भी एथेनॉल उत्पादन शुरू करने की योजना बना रही है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह प्लांट प्रतिदिन 60 हजार लीटर एथेनॉल उत्पादन की क्षमता रखेगा और यहां गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनाया जाएगा। इस पहल से गन्ना किसानों को समय पर भुगतान मिलने में मदद मिलेगी।
धुरियापार में भी एथेनॉल उत्पादन की तैयारी
गोरखपुर के धुरियापार क्षेत्र में भी जल्द ही एथेनॉल उत्पादन शुरू होगा। इंडियन ऑयल द्वारा स्थापित बायो फ्यूल कॉम्प्लेक्स के तहत, पहले चरण में 165 करोड़ रुपये की लागत से एक कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) प्लांट चालू किया जा चुका है। अब इस परियोजना के दूसरे चरण में एथेनॉल उत्पादन का विस्तार किया जाएगा।सरकार की इन पहलों से गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों को आर्थिक मजबूती मिलेगी, किसानों को अधिक लाभ होगा और प्रदेश में हरित ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।