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दरगाह दादा मियां पर भव्य रोजा इफ्तार का आयोजन, विधायक रविदास ने अदा की मुसलमानों साथ नमाज़

रमज़ान का पवित्र महीना अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है। इस मौके पर जगह जगह दावत ए इफ्तार का भी आयोजन हो रहा है। विधायक रविदास मेहरोत्रा ने लखनऊ में नमाज़ अदा की।

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Mohd. Arslan
दरगाह दादा मियां पर इफ्तार पार्टी

दरगाह दादा मियां पर इफ्तार पार्टी Photograph: (YBN )

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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लखनऊ के हजरतगंज स्थित ऐतिहासिक हज़रत ख़्वाजा मोहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारूफ़ दादा मियां दरगाह पर भव्य रोजा इफ्तार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, धार्मिक गुरु और प्रतिष्ठित हस्तियों ने शिरकत की।

इफ्तार में नामचीन शख्सियतें रही मौजूद

रोज़ा इफ्तार कार्यक्रम में लखनऊ मध्य से समाजवादी पार्टी के विधायक एवं पूर्व मंत्री रविदास मल्होत्रा, टीले वाली मस्जिद के शाही इमाम मौलाना फजलुल मन्नान, शहर काजी मौलाना अबुल इरफान फिरंगी महली समेत कई बड़े धार्मिक और राजनीतिक हस्तियां उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में सभी धर्मों के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे गंगा-जमुनी तहजीब और साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश प्रसारित हुआ। इस खास मौके पर विधायक रविदास मेहरोत्रा ने मुसलमानों के साथ एक सफ में खड़े होकर नमाज़ भी अदा की। 

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एकता और भाईचारे का प्रतीक बना दावत ए इफ्तार

इफ्तार के दौरान समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रविदास मल्होत्रा ने कहा, "दादा मियां दरगाह हमेशा से हिंदू-मुस्लिम एकता और आपसी सौहार्द का प्रतीक रही है। हर वर्ष यहां आयोजित होने वाले इफ्तार में विभिन्न धर्मों के लोग सम्मिलित होकर आपसी प्रेम और भाईचारे की मिसाल पेश करते हैं।" उन्होंने इस आयोजन को सांस्कृतिक समरसता का बेहतरीन उदाहरण बताया।

1975 से सतत चली आ रही परंपरा

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इफ्तार कार्यक्रम के आयोजक फरहत मियां ने बताया कि "दादा मियां दरगाह पर 1975 से निरंतर इफ्तार कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।" उन्होंने बताया कि इसी परंपरा के चलते बाद में गवर्नर हाउस और मुख्यमंत्री आवास में भी इफ्तार पार्टियों का आयोजन होने लगा।उन्होंने कहा, "हमारा देश सूफी संतों की परंपरा पर आधारित है, और आज भी यह परंपरा लोगों के बीच प्रेम, शांति और आपसी सौहार्द का संदेश देती है। इफ्तार केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक एकता को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है।"

देश में अमन शांति की हुई दुआएं

इस अवसर पर देश की सलामती, शांति और आपसी भाईचारे की विशेष दुआएं की गईं। बड़ी संख्या में रोजेदारों ने इफ्तार कर सामूहिक सौहार्द का संदेश दिया। दादा मियां दरगाह ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि यह केवल इबादतगाह नहीं, बल्कि गंगा-जमुनी तहजीब और धार्मिक सौहार्द का एक अनुपम प्रतीक है।

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