लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता ।थाना विभूतिखण्ड पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को उच्च न्यायालय, लखनऊ का शासकीय अधिवक्ता बताकर आम नागरिकों और थानाध्यक्षों तक से अवैध धन की वसूली करता था। आरोपी हाईकोर्ट के नाम पर न सिर्फ झांसे देता था, बल्कि डरा-धमकाकर लोगों को मनचाहे आदेश दिलवाने और मुकदमे खत्म कराने की झूठी गारंटी भी देता था।
ऐसे करता था फर्जीवाड़ा
डीसीपी अपराध कमलेश दीक्षित ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी धीरज कुमार वर्मा उर्फ सोनी उर्फ डीके निवासी ग्राम मेण्डारा, तहसील सोरांव, थाना नवाबगंज, जिला प्रयागराज, लोगों को फोन कर खुद को आरके तिवारी, अपर शासकीय अधिवक्ता (एजीए), उच्च न्यायालय लखनऊ बताता था। वह गूगल एप के माध्यम से लखनऊ और इलाहाबाद हाईकोर्ट की विचाराधीन केस लिस्ट व संबंधित थानों की जानकारी एकत्र करता था, ताकि अपनी बात को प्रामाणिक बना सके। इन जानकारियों के आधार पर वह विभिन्न थानों के विवेचकों और वादकारियों से संपर्क कर केस में राहत दिलाने, जमानत कराने, अथवा मुकदमा समाप्त कराने का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठता था। आरोपी का मकसद केवल अवैध तरीके से धन अर्जन और अपने निजी शौक पूरे करना था।
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हाईकोर्ट के संज्ञान में आते ही दर्ज हुआ मुकदमा
डीसीपी ने बताया कि 25 मार्च को उच्च न्यायालय, लखनऊ के शासकीय अधिवक्ता कार्यालय में तैनात अपर निजी सचिव की ओर से थाना विभूतिखण्ड में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत में कहा गया कि कोई व्यक्ति खुद को फर्जी रूप से शासकीय अधिवक्ता बताकर थानों और आम लोगों से अनुचित तरीके से धन उगाही कर रहा है।पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मुकदमा दर्ज किया। जांच के दौरान जब टेक्निकल और मैनुअल साक्ष्यों की जांच की गई, तो पूरे फजीर्वाड़े का खुलासा हुआ। विभूतिखण्ड पुलिस ने आरोपी को हाईकोर्ट के पास से गिरफ्तार कर लिया।गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ फिलहाल थाना विभूतिखण्ड में दर्ज मुकदमे के अलावा अन्य आपराधिक इतिहास की जानकारी अन्य जनपदों और इकाइयों से एकत्र की जा रही है।