लखनऊ, वाईबीएन नेटवर्क।
लखनऊ के बलरामपुर जिला अस्पताल में एचएमपीवी वायरस से संक्रमित महिला की मौत हो गई है। मृत महिला का नाम आशा शर्मा है। आशा शर्मा को कुछ दिनों पहले सांस लेने में दिक्कत हुई थी जिसके बाद उन्हें बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक निजी लैब रिपोर्ट के अनुसार महिला में एचएमपीबी वायरस पाया गया इसके बाद केजीएमयू में भी महिला के ब्लड सैंपल की जांच हुई जिसमें महिला को नेगेटिव बताते हुए रिकवर बताया गया। आपको बता दे की महिला को पिछले कुछ दिनों से खांसी और बुखार की समस्या थी और एक निजी पैथोलॉजी में उसकी रिपोर्ट एचएमपीवी पॉजिटिव आई थी।
बलरामपुर अस्पताल में चल रहा था इलाज
HMPV वायरस से संक्रमित महिला आशा शर्मा का इलाज बलरामपुर अस्पताल में डॉक्टर एके गुप्ता और डॉक्टर विष्णु की निगरानी में चल रहा था, महिला को आइसोलेशन वार्ड नंबर 11 में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था मंगलवार देर रात को महिला की तबीयत अचानक से बिगड़ी और उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया। लेकिन महिला को बचाया नहीं जा सका। एचएमपीवी वायरस के अलावा कई और बीमारियों से महिला ग्रसित थी।
क्या है HMPV के लक्षण:
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लक्षण कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने बताया है,कर्नाटक में इस वायरस से दो बच्चे पीड़ित है जिनमें से एक बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सांस फूलना, खांसी, बुखार, नाक बंद होगा, फ्लू आदि इसके अलावा ज्यादातर मामलों में इससे ब्रोंकाइटिस या निमोनिया हो सकता है।
कैसे फैलता है HMPV:
HMPV एक संक्रामक वायरस है इसके संक्रमण का तरीका कोरोना जैसा ही है, छींक से निकली बूंदों, करीबी संपर्क या दूषित या वायरस ग्रसित जगह के संपर्क में आकर मुंह, नाक, आंखों को धोने से फैलता है। जिनका इम्यून कमजोर होता है उनपर ये वायरस हावी हो जाता है ज्यादातर मामलों में बच्चे और बुजुर्ग इसका शिकार हो रहे है।
कैसे हुई इसकी HMPV उत्पत्ति कितना खतरनाक है वायरस
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस की उत्पत्ति आज से करीब 300 साल पहले हुई जहां ये वायरस चिड़ियों में पाया जाता था इतने लंबे वक्त में ये वायरस कई बार खुद को बदलता गया जिसके बाद साल 2001 में इंसानों में इस वायरस की खोज हुई, खुद को कई बार बदलने की वजह से अब यह वायरस चिड़ियों को संक्रमित नहीं कर सकता। विशेषज्ञों का कहना है HMPV वायरस Covid जैसा खतरनाक नहीं है, कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे मौसमी संक्रमण माना है और वही लोगों को डरने और घबराने से मना किया है।