लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
होली खुशियों, रंगों और उमंग का त्योहार है, लेकिन अगर इसका सही तरीके से आनंद न लिया जाए तो यह सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त रंग त्वचा और बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में हर्बल और प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल एक बेहतरीन और सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
हर्बल गुलाल बनाने के कुछ आसान तरीके
अगर बाजार में मिलने वाले रंगों की शुद्धता पर संदेह हो तो घर पर ही प्राकृतिक रंग तैयार किए जा सकते हैं। इससे न सिर्फ त्वचा को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। इस लेख में होली के लिए घर पर ही हर्बल गुलाल बनाने के कुछ आसान तरीके बताए जा रहे हैं।
घर पर बनाए प्राकृतिक हर्बल गुलाल
प्राकृतिक हर्बल गुलाल घर पर आसानी से बनाया जा सकता है, जिससे त्वचा को कोई हानि नहीं होती और पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है। गुलाबी और लाल गुलाल के लिए चुकंदर का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए 2-3 चुकंदर को छोटे टुकड़ों में काटकर पानी में उबालें, जब पानी गहरे लाल रंग का हो जाए, तो इसे ठंडा कर लें। फिर इसमें कॉर्नस्टार्च या चावल का आटा मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस मिश्रण को धूप में सुखाकर पीस लें और गुलाल तैयार हो जाएगा।
गुलाल बनाने के लिए बेहतरीन विकल्प
हल्दी पीला गुलाल बनाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इसके लिए 2-3 बड़े चम्मच हल्दी को 1 कप बेसन या चावल के आटे में अच्छी तरह मिलाएं और महीन पाउडर के लिए इसे छलनी से छान लें। यदि गीला रंग बनाना हो तो हल्दी को पानी में घोलकर इस्तेमाल किया जा सकता है। हरा गुलाल बनाने के लिए मेहंदी और पालक का उपयोग किया जा सकता है। 1 कप सूखी मेहंदी की पत्तियां और 1 कप पालक पाउडर या सूखे पालक के पत्तों को मिक्सी में पीसकर महीन पाउडर बना लें। यदि गीला रंग चाहिए तो पालक को उबालकर उसका रस निकाला जा सकता है।
प्राकृतिक विधियों से बने हर्बल गुलाल
नारंगी रंग का गुलाल बनाने के लिए गेंदे के फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए 1 कप गेंदे के फूलों को सुखाकर पीस लें और उसमें कॉर्नस्टार्च या चावल का आटा मिलाकर मुलायम गुलाल तैयार करें। इन प्राकृतिक विधियों से बने हर्बल गुलाल से होली को सुरक्षित और स्वास्थ्यप्रद तरीके से मनाया जा सकता है।
त्वचा के लिए सुरक्षित रंग
रासायनिक रंगों से होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के लिए प्राकृतिक और हर्बल रंगों का उपयोग करें। घर पर बनाए गए ये रंग त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाते। इस बार होली को और भी खास बनाएं, प्राकृतिक गुलाल का प्रयोग करें और स्वास्थ्य के साथ प्रकृति की भी रक्षा करें।