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Holika Dahan पर इन उपायों से घर में होगी धन की वर्षा, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला होली का पर्व इस साल 13 और 14 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है।

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Abhishek Mishra
होलिका दहन

होलिका दहन इन उपायों से घर में होगी धन की वर्षा Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला होली का पर्व इस साल 13 और 14 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होलिका दहन की अग्नि में विशेष सामग्रियों को अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

होलिका दहन की परंपरा और महत्व

राजधानी स्थित प्राचीन भुइयन देवी मंदिर के महंत सत्य प्रकाश मिश्रा बताते है की हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल होलिका दहन गुरुवार 13 मार्च को किया जाएगा। इसे छोटी होली भी कहा जाता है। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक रहेगा। इस दौरान होलिका पूजन और अग्नि प्रज्वलन करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।धार्मिक ग्रंथों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया की भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने होलिका दहन की घटना को साकार किया था। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा और अग्नि में समर्पित विशेष सामग्रियां जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं और समृद्धि प्रदान करती है।

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होलिका दहन में अर्पित करें ये शुभ सामग्री

होलिका दहन के समय कुछ विशेष सामग्रियों को अग्नि में डालने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। सूखा नारियल जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, जबकि गेहूं की बालियां और काले तिल सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए अर्पित किए जाते हैं। गाय के गोबर से बनी माला वातावरण को शुद्ध करने और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा के लिए उपयोगी मानी जाती है।

इन उपायों से धन और कारोबार में होगी वृद्धि

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चंदन की लकड़ी को होलिका में अर्पित करना आर्थिक लाभ और घर में शांति बनाए रखने के लिए शुभ माना जाता है। पीली सरसों व्यापार और करियर में उन्नति के लिए चढ़ाई जाती है। अक्षत और ताजे फूल सुखद वैवाहिक जीवन और पारिवारिक खुशहाली के लिए उपयोग किए जाते हैं। साबुत मूंग और हल्दी के टुकड़े स्वास्थ्य लाभ के लिए होलिका में डालना शुभ होता है, जबकि काले तिल के दाने बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए अर्पित किए जाते है।

होलिका दहन का ज्योतिषीय महत्व

महंत बताते है की ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन की रात तंत्र साधना, मंत्र सिद्धि और विशेष पूजा के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है। इस दौरान किए गए उपायों से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। होलिका दहन के लिए प्रमुख मंत्र जो पूजन के दौरान उच्चारण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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विशेष उपाय करने से कई समस्याओं का समाधान

महंत बताते है की होलिका दहन के मौके पर विशेष उपाय करने से कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। मान्यताओं के अनुसार चंदन की लकड़ी, तिल, सरसों, नमक और हल्दी को होलिका में समर्पित करने से जीवन की विभिन्न परेशानियां दूर हो सकती हैं। ज्योतिषीय विश्वास के अनुसार चंदन की लकड़ी को पांच बार उतारकर होलिका में डालने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। तिल, सरसों और नमक का पांच बार उतारा करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, नौकरी में तरक्की होती है और व्यापार में सफलता मिलती है। वहीं हल्दी की गांठ को पांच बार उतारकर होलिका में अर्पित करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती है।

होलिका दहन के लिए प्रमुख मंत्र

‘ऊं नृसिंहाय नमः’
‘अनेन अर्चनेन होलिकाधिष्ठातृदेवता प्रीयन्तां नमः’
‘वन्दितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च। अतस्त्वं पाहि नो देवि विभूतिः भूतिदा भव।।’

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