लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
राजधानी लखनऊ में गृहकर वसूली को लेकर नगर निगम का रवैया सवालों के घेरे में है। बड़े बकायेदारों के प्रति नरमी दिखाने वाला नगर निगम गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों से सख्ती से टैक्स वसूलने में कोई कसर नहीं छोड़ता। मकान मालिकों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं। जबकि दूसरी ओर शहर के कई बड़े व्यापारिक और शैक्षिक संस्थान सालों का बकाया टैक्स नहीं चुका रहे हैं। इन संस्थानों पर करोड़ों रुपये का टैक्स बकाया है। लेकिन नगर निगम उनकी वसूली को लेकर निष्क्रिय बना हुआ है।
बड़े संस्थानों पर नगर निगम मेहरबान
लखनऊ के कई प्रमुख व्यापारिक और शैक्षिक संस्थान बड़े बकाएदारों की लिस्ट में शामिल हैं। इन संस्थानों पर करोड़ों रुपये का टैक्स बकाया है। खास बात यह है कि नगर निगम की मेहरबानी के चलते इनसे अब तक किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया है। नगर निगम की इस ढील के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है। समय पर इन बकाएदारों से टैक्स की वसूली की जाए, तो शहर के विकास कार्यों में तेजी लाई जा सकती है। लेकिन निगम मकी उदासीनता के चलते इनसे गृहकर की वसूली को नजरअंदाज किया जा रहा है।
इन संस्थानों पर करोड़ों का बकाया
लुलु मॉल- 11.54 करोड़ रुपये बकाया।
BBD कॉलेज- 5.96 करोड़ रुपये का बकाया।
सेंट्रम होटल- 5.25 करोड़ रुपये बकाया।
एमपी सक्सेना कॉलेज- 4.53 करोड़ रुपये बकाया।
श्रीराम स्वरूप कॉलेज-3.5 करोड़ रुपये बकाया।