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India Pakistan tension : नौ करोड़ व्यापारी बनेंगे आर्थिक मोर्चे के सैनिक, आपूर्ति श्रृंखला किसी भी हाल में नहीं होगी बाधित

संजय गुप्ता ने कहा कि पाकिस्तान की नापाक हरकतों का भारतीय सेनाओं ने जिस साहस और वीरता से जवाब दिया है, वह भारतीय गौरव का प्रतीक है। इस समय की परिस्थितियां युद्ध जैसी हैं। देश का हर नागरिक एक स्वर में सरकार के साथ खड़ा है।

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Deepak Yadav
 व्यापारी बनेंगे आर्थिक मोर्चे के सैनिक

कैट के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय गुप्ता Photograph: (YBN)

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री और उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि इस कठिन समय में देश का व्यापारी वर्ग पूरी मजबूती के साथ सरकार और सेनाओं के साथ खड़ा है। जैसे हमारे सैनिक सीमा पर देश की रक्षा कर रहे हैं, वैसे ही व्यापारी आर्थिक मोर्चे पर सैनिक बनकर देश की आपूर्ति श्रृंखला को सुचारु बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

जरूरत से ज्यादा स्टॉक न करें

संजय गुप्ता ने कहा कि पाकिस्तान की नापाक हरकतों का भारतीय सेनाओं ने जिस साहस और वीरता से जवाब दिया है, वह भारतीय गौरव का प्रतीक है। इस समय की परिस्थितियां युद्ध जैसी हैं। देश का हर नागरिक एक स्वर में सरकार के साथ खड़ा है। ताकि पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया जा सके। व्यापारी नेता ने स्पष्ट किया कि देश और प्रदेश में खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। सभी वस्तुएं बाजारों में भरपूर उपलब्ध हैं। सरकार के पास भी पर्याप्त भंडार है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वह जरूरत से ज्यादा स्टॉक न करें। कोविड काल की तरह व्यापारी न केवल आपूर्ति को बनाए रखेंगे, बल्कि जरूरत पड़ने पर लोगों के घरों तक सामान भी पहुंचाएंगे।

व्यापारी संगठित होकर निभाएं राष्ट्रधर्म

राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने व्यापारियों से अपील करते हुए कहा कि देश भक्ति केवल भावनाओं से नहीं, बल्कि अनुशासन, धैर्य और संयम से सिद्ध होती है। सरकार और सेनाएं पूरी तत्परता से स्थिति पर नियंत्रण रखे हुए हैं। ऐसे समय में व्यापारी वर्ग को संगठित रहकर राष्ट्रीय हित में कार्य करना है। उन्होंने कहा कि बाजारों को लेकर कोई भी निर्णय सरकार की आधिकारिक सलाह के बाद ही लें। आज आवश्यकता है कि हम सभी एकजुटता, विवेक और राष्ट्रभक्ति के साथ देश की सेवा में अपना योगदान दें। मातृभूमि के प्रति श्रद्धा केवल एक भावना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी को देशभर के नौ करोड़ से अधिक व्यापारी पूर्ण अनुशासन और समर्पण के साथ निभाएंगे।

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